Husband wife Romantic love Story in Hindi

आज आपको इस पोस्ट में एक पति और पत्नी का romantic love story पढने को मिलेगा यह कहानी बहोत ही funny है मुझे उम्मीद है यह कहानी आपको बहोत पसंद आएगी।

husband and wife romantic love story

पति पत्नी का Romantic love story

सुबह के टाइम चांदनी चेयर पे बैठ कर कॉफ़ी पीती है और उसी वक्त सूरज सो के उठता है और सर पकड़ कर बैठ जाता है, फिर चांदनी से बोलता है -"मेरे लिए भी एक कप कॉफ़ी बना दो"

चांदनी गुस्से में बोलती है - "मुझसे क्यों बोल रहे हो जाके अपनी वाइफ से बोलो ना"

सूरज - "हा तो अपनी वाइफ से ही तो बोल रहा हु क्या तुम मेरी वाइफ नहीं हो क्या?"

चांदनी - ओह्ह रिअली, कल रात को तो कोई और थी।

सूरज - क्या

चांदनी - हा, कल रात को तुम उस लड़की से ऐसे चिपक रहे थे जैसे बीवी मै नही वो हो

सूरज - अरे यार वो लड़की प्रिया मेरे साथ काम करती है और पार्टी में तो इतना होता रहता है।

चांदनी - अच्छा पार्टी में इतना होता है, सच बात तो ये है की तुमने हॉट लड़की देखि नही बस जा के चिपकने लगते हो 

सूरज - अरे यार इतना होता रहता है इसमें मेरी गलती क्या है।

फिर चांदनी सूरज का फ़ोन निकलती है और सूरज को एक फोटो दिखाती है फिर पूछती है "ये क्या है?"

husband wife romantic love story in hindi

सूरज - सेल्फी है यार पार्टी में चिल कर रहे थे तो सोचा सेल्फी लेलु

चांदनी - अच्छा मै भी ऐसे चिल करू और सेल्फी लू क्या?

सूरज - अरे यार मै थोडा सा पी लिया था और पिने के बाद इतना होता है

चांदनी - हा पिने के बाद तो आपकी औकात सामने आ जाती है ना

सूरज गुस्से में चांदनी को बोलता है "बस करो यार बहोत हो गया तुम्हारा बकवास" फिर चांदनी और सूरज आपस में काफी देर तक झगड़ते है।

चांदनी - मेरे डैड सही बोल रहे थे मत कर लव मैरेज लेकिन मै उनकी बात नही मानी अगर मै उनकी बात मान जाती तो, तभी सूरज बोलता है "तो सही होता कम से कम इस चिक चिक से छुटकारा मिल जाता हमें और मेरे पापा ने भी यही कहा था की लव मैरेज मत कर लेकिन मेरी तो मति मरी गयी थी।"

इतना झगड़ने के बाद दोनों कुछ देर शांति से बैठते है और फिर चांदनी बोलती है "सॉरी बोलो और अपनी गलती एक्सेप्ट करो"

सूरज - क्यों सॉरी बोलू मेरी गलती ही क्या है?

चांदनी - ठीक है मै तुम्हे छोड़ के जा रही हु

सूरज - क्या 

चांदनी - हा मै तुम्हे, तुम्हारे घर सब कुछ छोड़ के जा रही हु

सूरज - अच्छा जाओ अभी के अभी जाओ मुझे कोई फर्क नही पड़ता है

चांदनी - सूरज अगर तुमने मुझे सॉरी नही कहा ना तो मै सच्च में बोल रही हु मै चली जाउंगी और तुम फिर मुझे बुलाने की कोशिस मत करना, बिलकुल भी मत करना

सूरज - कभी नही करूँगा जाओ तुम

चांदनी जाती नहीं है और सूरज से नाराज होकर बैठी रहती है फिर सूरज वहाँ से उठकर अपने कमरे में चला जाता है तो चांदनी छुप कर उसे देखती है और जैसे ही सूरज कमरे से बाहर आता है।

चांदनी अपने माँ से फोन पे बात करने का नाटक करने लगाती है और बोलती है, " हाँ माँ नहीं माँ बस ऐसे ही आपकी याद आ रही थी, मैंने सोचा मै कल ही आपके यहाँ आ जाती हु, क्या शीला ने अपने पति को तलाक दे दिया चलो अच्छा हुआ उसके लिए, नहीं माँ ये सारे मर्द एक जैसे होते है चलो ठीक है बाय"

husband wife romantic love story

इतना बोल के काल कट करने का नाटक करती है फिर सूरज बालकनी में जाके खड़ा हो जाता है और चांदनी के आने का वेट करता है और चांदनी जैसे ही बालकनी में कपडे उठाने जाती है वैसे ही सूरज अपने दोस्तों से फोन में बात करने का नाटक करता है और बोलता है

" हा भाई मइके जा रही है, हाँ तो जा छोड़ के आ ना उसको और सॉरी तो बिलकुल भी मत बोलना इनको क्या लगता है की इनके बिना हम रह नहीं सकते हा चल मिलते है इसके बाद बाय"

husband wife romantic love story

इतना बोल के सूरज वहाँ से चला जाता है और हाल में बैठ कर टीवी देखने लगता है कुछ समय बाद चांदनी भी वही पहोच जाती है और दोनों बैठ के टीवी देखते है और टीवी में देखते समय समय छोले बठुरे की आवाज टीवी से जैसे ही सुनाई देती है चांदनी के मुह में पानी आ जाता है और चिल्ला के बोलती है सूरज वैसे ही उसे याद आ जाता है की उन दोनों का झगडा हुआ है।

फिर वो गाना गाने लगती है सूरज हुआ मद्धम चाँद ढलने लगा, कुछ समय बाद सूरज वहां से चला जाता है और अपने कमरे में लैपटॉप लेकर कुछ काम करने लगता है 2 घंटे काम करने के बाद उसको प्यास लगाती है और चांदनी उसके कमरे से गुजरती है।

हर रोज़ की तरह वह चांदनी से पानी मांगने के लिए बोलता है "चांदनी" ये सुनकर चांदनी वहाँ रुक जाती है और सूरज को फिर याद आता है की उनका तो झगड़ा हुआ है तो सूरज भी ये वाला गाना गाने लगता है।

रंग भरे बदल से तेरे मेरे नैनो के काजल से लिख दिया तेरा नाम ओ चांदनी ओ चांदनी 

उसी समय सूरज के फ़ोन पे उसके बॉस का काल आता है और सूरज फोन उठा अपने बॉस से बात करता - हां सर ठीक है सर आज रात 12 बजे ओके सर, नहीं सर कोई प्रॉब्लम नही है।

इतना बात करने के बाद कॉल कट कर देता है और चांदनी के तरफ देख कर बोलता है चलो 2 हफ्तों के लिए तो छुटकारा मिला इतना सुन कर चांदनी उदास हो जाती है।

रात के 9 बजते है और चांदनी सोचती है की उसे सब कुछ भूल कर सूरज से बात करनी चाहिए फिर सोचती है की लेकिन प्यार से सॉरी ओ बोल दे

यही बात सूरज भी सोचता है ओ भी सोचता है की चांदनी से बात करे फिर उसका attitude उसके सामने आ जाता है तो मन ही मन बोलता है शुरुआत ओ कर दे

कुछ समय बाद दोनों एक दुसरे से बात करने का मूड बना लेते है और एक दुसरे से बात करने जाते है लेकिन जैसे ही एक दुसरे के सामने आते अहै तो एक दुसरे को देख के चले जाते है और बात नही करते है।

रात के 11 बज गए होते है सूरज अपना बैग पैक करता है सब तैयारी करने के बाद वो कुछ समय के लिए बैठता है और जब 12 बजने में कुछ मिनट बचा होता है तो सूरज को ऑफिस से एक आदमी बुलाने आता है और सूरज का बैग लेके जाता है फिर सूरज भी उस आदमी के पीछे पीछे जाने लगता है।

चांदनी हाल में खड़ी होकर सूरज को देख कर उदास हो जाती है और उसके आँखों में आंसू आ जाते है फिर सूरज और चांदनी दोनों एक दुसरे के करीब आते है और दोनों के मुह से एक ही शब्द निकलता है "सॉरी" फिर दोनों मुस्कुराते है और सूरज चांदनी को i love you बोलता है और चांदनी i love you too बोलती है।

husband wife romantic love story

दोनों एक दुसरे को गले लगाते है, सूरज के कड़ी से टू टू की आवाज आती है सूरज को पता चल जाता है की 12 बज गए है तो सूरज चांदनी को हैप्पी एनिवेर्सेरी बोलता है उसी वक्त सूरज के बॉस का काल आता है और उसके बॉस सूरज से बोलते है की प्रोजेक्ट कैंसिल हो गया है अब तुम्हे नही जाना है।

ये सुन कर दोनों बहोत खुश हो जाते है और एक दुसरे को किस करने लगते है उसी वक़्त सूरज के फोन पे एक और कॉल आता है चांदनी फोन उठा के देखती है तो प्रिय का कॉल होता है।

ये देख कर चांदनी का पारा फिर गरम हो जाता है वो बोलती है - इतनी रात को ये प्रिया क्यों काल कर रही है

सूरज बोलता है मुझे क्या पता सायद हमारी एनिवेर्सेरी विश करने के लिए काल कर रही हो, चांदनी गुस्से में वहाँ से जाने लगाती है फिर सूरज अरे यार हमारी एनिवेर्सेरी, तुम बात कर लो उस से, फिर से वही प्रॉब्लम यार

चांदनी गुस्से में कमरे के अन्दर जाती है और अन्दर से दरवाजे की कुण्डी लगा देती है और बहार से सूरज चांदनी को बेबी प्लीज दरवाज खोलो सॉरी बेबी बोल के मनाता है।

झगड़े तो हर रिलेशन में होते रहते है और लड़कियां छोटी-छोटी बात पे मुह फुला लेती है और नाराज होकर बैठ जाती है फिर उन्हें मनाना पड़ता है क्या आपकी पत्नी या गर्लफ्रेंड भी ऐसा करती है तो कमेंट कर के जरुर बताये।

3 best Real life love stories in hindi

 क्या आप internet पे रियल लव स्टोरी सर्च कर रहे है तो आप सही जगह आये है क्युकी यहाँ आपको 3 best real love stories हिंदी में मिलेगा जो आपको बहोत ही पसंद आने वाली है।

3 best heart touching real couple romantic love stories

1.लैला मजनू की प्रेम कहानी - real love story

यह कहानी उस समय की है जब प्यार मोहब्बत को गुनाह माना जाता था, अरब पति शाह आमारी के बेटे कैश जिसे आगे जाकर मजनू कहाँ गया बचपन में ही ज्योतिषों ने भविष्यवाणी की थी की कैश दीवाना होकर दर दर भटकता फिरेगा।

ज्योतिषों की भविष्यवाणी को झुटलाने के लिए शाह आमारी ने खूब मन्नते की, की उनका बेटा इस प्रेम रोग से दूर रहे लेकिन कुदरत को यह मंजूर नही था। दमिश्क के मदरसे में जब उसने नाज्द के शाह की बेटी लैला को देखा तो पहली नजर में ही कैश उसका आशिक हो गया।

मौलवी जी ने कैश को बहोत समझया की वो लैला को भूल जाए और अपना पूरा ध्यान पढाई पे केन्द्रित करे लेकिन दिवानो को ऐसी बाते समझ कहाँ आती है, कैश के प्रेम का असर लैला पे भी हुआ और दोनों प्यार की गहराई में डूबते चले गए।

यह सब देखते हुए लैला को घर में कैद कर दिया गया और कैश लैला से न मिल पाने के कारण पागलो की तरह दर दर भटकने लगा उसकी ये पागलो जैसी दीवानगी देखकर लोगो ने उसका नाम मजनू रख दिया।

इसके बाद लैला की शादी किसी बख्त नाम के व्यक्ति से करा दी गयी लेकिन लैला ने बख्त से बता दिया की ओ मजनू से प्रेम करती है और मजनू के आलावा उसे और कोई नही छू सकता फिर बख्त ने लैला से तलाख ले लिया।

लैला मजनू को ढूढती है और ढूढते-ढूढते जंगलो में जा पहोचती है वहाँ उसको मजनू मिल जाता है दोनों एक दुसरे को देख कर गले लग जाते है तभी लैला की माँ आ जाती है और उन दोनों को अलग कर लैला को घर ले जाती है।

इस गम में लैला की म्रत्यु हो जाती है और यह खबर सुनते ही मजनू ने भी अपना दम तोड़ दिया और दोनों को एक ही जगह दफनाया गया, हर साल 15 जून को लैला मजनू की माजर पर दो दिन का मेला लगता है।

laila majnu real love story

जिसमे बड़ी संख्या में हिंदुस्तान और पाकिस्तान के विवाहित और अविवाहित प्रेमी जोड़े आते है और अपने प्रेम को सफल बनाने की कामना करते है।

समय की गति ने लैला मजनू की कब्र को नष्ट कर दिया है लेकिन लैला मजनू का प्रेम आज भी जिन्दा है और जब तक ये दुनिया है तब तक जिन्दा रहेगा।

2.स्टीवर्ट और क्रिसी की रियल लव स्टोरी

यह love story ब्रिटिश के स्टीवर्ट और क्रिसी की है।

स्टीवर्ट मॉल में शोपिंग करने जाता है और उसे वहाँ एक लड़की दिखाई देती है जिसका नाम क्रिसी होता है स्टीवर्ट को पहली नजर में ही क्रिस से प्यार हो जाता है और स्टीवर्ट क्रिस से बात करने जाता है दोनों एक दुसरे से बात करते है और दोनों में दोस्ती हो जाती है।

दोनों की दोस्ती प्यार में तब्दील होने में 3 महीने लग जाते है 3 महीने बाद वो दोनों एक अच्छे gf, bf बन जाते है 6 महीने बाद वो दोनों एक साथ कही जा रहे होते है तभी उनका एक्सीडेंट हो जाता है।

उस एक्सीडेंट में क्रिस को कुछ नही होता है लेकिन स्टीवर्ट बेहोश हो जाता है फिर क्रिस उसे हॉस्पिटल ले जाती है और उसके घर वालो को ए बात बताती है, जब उसके घर वाले हॉस्पिटल पहोचते है तो उन्हें पता चलता है की स्टीवर्ट कोमा में चला गया है।

ये बात सुनकर स्टीवर्ट के माता पिता और उसकी गर्लफ्रेंड बहोत दुखी होते है उन्हें कुछ समझ नहीं आता है वो डॉक्टर से पूछते है स्टीवर्ट कब तक होश में आ जायेगा।

डॉक्टर उन्हें जवाब देता है की,"कुछ कहा नही जा सकता होश कभी भी आ सकता है और शायद कभी नही" ये सुनकर क्रिस रोने लगती है।

10 दिन बाद स्टीवर्ट को होश आता है परन्तु वो सबको पहचानने से इंकार कर देता है उसके घर वाले उसे उसका बर्थ सर्टिफिकेट दिखा के उसको याद दिलाते है की वो उनका बेटा है और वो इनके माँ बाप लेकिन स्टीवर्ट फिर भी नहीं याद आता है।

फिर क्रिस को बुलाया जाता है स्टीवर्ट क्रिस को देख के बोलता है मै तुम्हे सही से पहचान नहीं पा रहा हु लेकिन मै तुमसे प्यार करता हु इतना मुझे पता है।

हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने के बाद क्रिस, स्टीवर्ट और उनके परिवार के साथ रहने लगी। स्टीवर्ट को पूरी तरह से सही होने में 4 साल लग गए और उसके सही होते ही 2013 में दोनों ने शादी कर ली अब ये दोनों अपना जीवन खुसी से बिता है रहे है।

स्टीवर्ट और क्रिसी की रियल love story

इन दोनों की कहानी किसी फ़िल्मी कहानी सी लगती है लेकिन हर कपल को यह कहानी प्यार पे यकीन दिलाती है की सच्चे प्यार का नाता चेहरे और किसी तरह की पहचान से नही दिल से होती है और true love सिर्फ फिल्मो में नहीं हकीकत में भी होता है।

जोर्ज और डोरोथी का रियल लव स्टोरी

यह कहानी इंग्लैंड के रहने वाले जोर्ज और डोरोथी का है जिन्होंने अपने जीवन में 68 साल एक दुसरे के साथ बिताये थे इनकी प्यार की कहानी अदभुत है जो आपको बहोत पसंद आएगी तो चलिए कहानी को शुरू करते है।

डोरोथी के पहले पति का देहांत दुसरे विश्व युद्ध में हो गया था तो जोर्ज ने डोरोथी को एक पत्र में अपनी सांत्वना लिखी और भेज दिया फिर कुछ महीनो बाद जोर्ज और डोरोथी मिलते है।

उन दोनों में कुछ बाते होती है और फिर दोनों एक दुसरे के दोस्त बन जाते है। यही से उन दोनों की love story शुरू हो जाती है फिर वो दोनों रोज मिलते है, जोर्ज डोरोथी का बहोत ख्याल रखता है जिसकी वजह से डोरोथी को जोर्ज से प्यार हो जाता है।

और धीरे-धीरे जोर्ज को भी डोरोथी के प्रति फीलिंग चेंज होने लगती है और उन दोनों को प्यार हो जाता है प्यार होने के बाद जोर्ज डोरोथी को डेटिंग पे ले जाता है और दोनों एक दुसरे का हाथ पकड़ कर प्यार भरी बाते करते है।

कुछ दिन डेटिंग करने के बाद दोनों विवाह करने का निर्णय लेते है और दोनों शादी कर लेते है फिर 1997 में ये दोनों अपनी शादी की पचासवी सालगिरह एक बड़ी सी गार्डन में मानते है।

real life romantic heart touching love story

अब इस समय इन दोनों के दो बेटे है और इनके भी 5 बच्चे हो गए है।

जोर्ज की उम्र 92 है और डोरोथी की उम्र 91 इस उम्र में जोर्ज को चेस्ट इन्फेक्शन हो जाता है जिसके वजह से जोर्ज ICU में भर्ती हो जाते है और इसके कुछ ही दिन बाद डोरोथी भी बीमार हो जाती है और दोनों की एक साथ एक ही दिन मृत्यु हो जाती है।

ये दोनों जब तक जिन्दा थे एक दुसरे का साथ निभाया और मरने के बाद भी एक दुसरे से अलग नही हुए दोनों एक ही दिन मर गए और अभी भी दोनों एक दुसरे के साथ है कहते है ना सच्चा प्यार करने वाले को कोई कभी अलग नही कर सकता यह बात सत्य है।

इन दोनों की कहानी जो भी सुनता है उसकी आँख से आसू आ जाते है आपको इन तिन कहानी में से सबसे ज्यादा अच्छी कौन सी लगी कमेंट करके जरुर बताये।

इसे भी पढ़े - 4 best love stories in hindi

Sassi Punnu real love story in hindi

हीर रांझा, सोहनी महिवाल के जैसी ही दुखद प्रेम कहानी सस्सी पुन्नू की भी है जिसे पढ़कर आपके आखो में आंसू और ऐसे प्रेमियों के लिए दिल में इज़्ज़त जरूर आ जाएगी।

भम्भोर राज्य के राजा के पास सब कुछ था धन, दौलत, इज़्ज़त, शौहरत कमी थी तो बस एक औलाद की, क्या-क्या नहीं किया राजा और उनके परिवार ने मंदिर, मस्जिद, दरगाह, मजार फिर आख़िरकार सालो बाद ऊपर वाले ने उनकी सुन ली और महल में गूंज उठी एक नन्ही सी जान किलकारियां नन्ही पारी दिखने में बेहद खूबसूरत राजा रानी के आँखों की तारा थी।

Sassi Punnu real love story in hindi

सालो बाद ये मानत जो पूरी हुई थी पर शायद इसे किसी की नजर लग गयी ज्योतिषियों अचनाक से भविष्यवाणी की की राजकुमारी तो अनोखा इश्क़ करेंगी आपके मर्जी के बैगर यह सुनकर राजा और पुरे परिवार के खिले हुए चेहरे पर ख़ुशी उड़ गयी।


अभी तो वह ठीक से खुशिया भी नहीं मना पाए थे की अचानक ये समाचार राजा को सब बर्दाश्त था लेकिन अपनी इज़्ज़त से खिलवाड़ बिलकुल भी नहीं गुस्से में राजा मंत्रियो को हुक्म दिया राजकुमारी  मरवा दिया जाय पर फूलो सी नाजुक परियो सी सूरत राजकुमारी को मारने की ताकत मंत्रियो में नहीं थी।

बच्ची को संदूक में डाल नदी में बहा देने का फैसला किया गया उस दिन नदी के किनारे एक धोबी अपने दिन का काम ख़त्म ही कर ही चूका था, घर जाने को था की अचानक उसने नदी में एक संदूक देखा।


लालच में आकर वो नदी में कूद पड़ा और संदूक बहार निकलकर जब खोला तब उसे एक प्यारी सी बच्ची और इतना सारा सोना पाकर उसे अपने किस्मत पर यकीं ही नहीं हो रहा था।


इतना सलोना चाँद सा मुखड़ा देख उसने वही उसका नाम सस्सी रख दिया और जैसे-जैसे सस्सी बड़ी होती गयी उसके खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक होने लगे किसी ने जाके भम्भोर के राजा को बताया की धोबी के गर में एक लड़की जो की बहोत ही खूबसूरत है।


Sassi Punnu real love story in hindi


राजा को लगा की ऐसी खूबसूरती को तो सिर्फ महलो में स्थान है तो बस शादी का निमत्रण लेकर वह पहोच गया उस धोबी के घर पर अपनी सस्सी का तावीज जब उस राजा को दिखाया उसे देख राजा को याद आया की उसने तो वो तावीज अपने पुत्री के गले में बंधा था।


अपनी बदनीयती पर राजा ने पश्चाताप जताया और बेटी को साथ चलने को कहा पर सस्सी ने साफ़-साफ़ इंकार कर दिया।


अपने पापो का प्राश्चित करने के लिए उस राजा ने धोबी के झोपड़े को राजमहल में तब्दील कर दिया और सस्सी अपने धोबी पिता के साथ वह खुसी खुसी रहने लगी चुकी धोबी का घर नदी के किनारे था वह सौदागरों का आना जाना लगा रहता था।


एक दिन सस्सी ने उन सौदागरों के हाथ में एक तस्वीर देखी  उसे देखते ही सस्सी उस तस्वीर पर मोहित हो गयी पूछने पर पता चला की वो तो पुन्नू की तस्वीर है वह पुन्नू को देखते ही उससे मिलने के लिए तड़पने लगी


और वो सौदागरों से बोलने लगी "सुनिए मुझे इनसे मिलना है आप कुछ भी करके मुझे इनसे मिलवा दीजिये न मै वादा करती हु की मै आपको ढेर सारा इनाम दूंगी"


इनाम का लालच और राजा की बेटी को मना कर देना का खौप उन्हें ले आया पुन्नू के घर के दरवाजे के पास लेकिन पुन्नू की माँ बोलती है "नहीं हम नहीं बेझते आपने बेटे को कही" पुन्नू की माँ ने साफ़ इंकार कर दिया लेकिन सौदागरों ने सस्सी की खूबसूरती के ऐसे गीत गाये की पुन्नू अब खुद जाने के लिए तैयार हो गया था।


पुन्नू को लेकर सौदागरों ने भम्भोर लौटा, कहते है पुन्नू और सस्सी ने जब एक दूसरे को पहली बार देखा की दोनों एक दूसरे में इस कदर खो गए की दस दिन निकल गए पता ही नहीं चला इधर अपने बेटे पुन्नू को ना पाकर उसकी माँ तड़प रही रही थी।


पुन्नू की माँ ने अपने बाकी बेटो से कहा "जल्दी जाओ और पुन्नू को वापिस लेकर आओ उसके बिना जी नहीं लगता मेरा"


भम्भोर पहुचकर जब उसके भाइयो ने उसे साथ चलने को कहा तो पुन्नू ने साफ़ इंकार कर दिया लेकिन सस्सी ने उनके भाइयो का स्वागत किया और उनके भाइयो की आने की खुसी में एक दावत भी रखा और रात भर दावत चली खाने पिने में कोई कमी नहीं थी।


रात भर के जश्न के बाद सस्सी थक कर सोने चली गयी और उधर पुन्नू को नसे की हालत में जबरदस्ती उठाकर उसके भाई अपने घर के लिए रवाना हो गए और जब सुबह सस्सी की नींद खुली पर भयानक सपना तो अब सुरु ही होने वाला था की जब उसके भाइयो का साजिस का पता चला तो वो फुट-फुट कर रोने लगी।


उसके आस पास के लोग उसे ताने मारने लगे "अरे तू बेवकूफ निकली तेरे बारे में जरा ना सोचा निकल लिया अपने भाइयो के साथ"


सस्सी की माँ ने भी पुन्नू के धोकेबाज़ होने की दलील देती रही लेकिन सस्सी का दिल ये सब मानने से इंकार कर रहा था और बस सस्सी निकल पड़ी अपंने पुन्नू की तलाश में रेगिस्तान उसे आता देख देखता ही रह गया तपती धुप जलती रेत, सस्सी को इन सबकी बिलकुल भी परवाह नहीं थी 


Sassi Punnu real love story in hindi


वो नंगे पाँव हर जगह पुन्नू को ढूंढ़ती जा रही थी उसके पाँव में छाले पद गए थे प्यास की वजह से आखो से दिखना काम हो गया था पर उसे इस बात का होश न था वो तो अपने पुन्नू के लिए चली जा रही थी और जाते-जाते वो प्यास की वजह से गिर गयी।


जब पुन्नू को होश आया उसे अपने भाइयो के शाजिश के बारे में पता चला तो नंगे पाँव दौड़ते-दौड़ते सस्सी से मिलने के लिए आने लगा और रास्ते में एक भेड़ बकरी चराने वाले ने सस्सी के बारे में बताया।


Sassi Punnu real love story in hindi


कहते है पुन्नू ने जैसे ही सस्सी को देखा उसने भी वही उसी वक्त सस्सी के पास अपने प्राण त्याग दिए तो ऐसी थी सस्सी पुन्नू की मोह्हबत जरूर लेकिन पूरी नहीं हो पायी।

हीर राँझा की सच्ची प्रेम कहाँनी | heer ranjha love story in hindi

 दो शब्दों को प्यार में बया नहीं किया जा सकता और न ही इसकी कोई परिभाषा है, इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है, प्यार एक ऐसा खूबसूरत एहसास है जो दो लोगो को बहुत गहराई से आपस में जोड़ता है।

यह एक ऐसा बंधन है जो दो लोगो के रूह को आपस में बाँध देता है, प्यार आसानी से किसी से तो हो सकता है पर आसानी से ख़त्म नहीं होता, प्यार को सिर्फ वही महसूस कर सकता है जो सच में किसी से सच्चा प्यार करता है।

ऐसी दुनिया में कई प्यार के किस्से और कहानी जो हमें प्रमाणित करते है की सच्चा प्यार न किसी से हारता है ना कभी झुकता है वो हमेशा अमर रहता है चाहे दुनिया कितनी भी ज़ालिम हो जाये आखिर में जीत प्यार की ही होती है।

इन्ही कहानियों में से एक कहानी हीर राँझा की है जिन्होंने अपने प्यार की एक अमीठ छाप छोड़ी जिसे दुनिया आज भी याद करता है और उनका प्यार आज भी अमर माना जाता है।

heer ranjha real photo, heer ranjha love story in hindi

पाकिस्तान की चेन्नाव नदी के किनारे पर तख्तहजारा नामक गांव था, मौजूद चौधरी गांव का मुख्य जमींदार था, मौजूद चौधरी के चार पुत्र थे जिसमे से सबसे छोटा पुत्र का नाम रांझा था।

रांझा का असली नाम ढिडो था और उसका उपनाम रांझा था इसलिए उसे लोग रांझा के नाम से पुकारते थे, रांझा सब भाइयो में सबसे छोटा होने कारण अपने पिता का लाडला था।

रांझा के बड़े भाई खेतो में कड़ी मेहनत करते थे और रांझा पूरा दिन कभी इस भाग में उस बाग़ में दिन घूमता और बासुरी लेकर बजाता रहता था, जिस कारन उसके बड़े भाई उससे नफरत करते थे।

राँझा को बचपन में ही खूबसूरती से इश्क था उसने अपने लिए सपनो में ही एक हसीना की तस्वीर बना ली थी, राँझा बड़ा ही आशिक मिजाज का था।

जब राँझा 12 वर्ष का हुआ तो उसके पिता की मृत्यु हो गयी और धीरे-धीरे भाइयो से भी विवाद होने लगा एक दी राँझा और उसके भाई उससे अलग हो गए, अपने भाइयो से अलग होकर राँझा पुरे दिन पेड़ो के निचे बैठा करता और अपने मन गढन सहजादी के बारे में सोचा करता था।

एक दिन उसे एक पीर बाबा मिले और उससे पूछे की तुम इतने दुखी क्यों हो फिर राँझा ने अपने द्वारा रचित प्रेम गीत सुनाये जिसने उसे अपने मन गढन शहजादी का उल्लेख किया था।

masjid heer ranjha love story

रांझा के गीत सुनकर पीर बाबा ने रांझा से कहा तुम्हारी सपनो की शहजादी हीर के अलावा और कोई नहीं हो सकती यह सुन रांझा अपनी हीर की तलाश में वहाँ से निकल पड़ा, चलते-चलते रात हो गयी फिर राँझा ने एक मस्जिद में आश्रय लिया और अगली सुबह वह मस्जिद से रवाना हो गया।

heer ranjha real photo, heer ranjha love story in hindi

अपनी हीर को ढूंढते -ढूंढ़ते वह एक गांव में पंहुचा जहा उसे हीर मिली जो एक सियाल जनजाति के सम्पन जाट परिवार से सम्बन्ध रखती थी।

यह जगह अभी पंजाब पाकिस्तान में है, पहली बार हीर को देखते ही रांझा समझ गया की यही मेरी सपनो की शहजादी है।

heer ranjha real photo, heer ranjha love story in hindi

हीर बहोत ही शख्त दिमाग वाली और खूबसूरत लड़की थी, एक रात चुपके से राँझा हीर के नाव में सो जाता है यह देखकर हीर आग बबूला हो गयी लेकिन जैसे ही उसने रांझे को सामने से देखा तो वह अपना गुस्सा भूल गई और रांझे को देखते रह गयी

तब राँझा ने हीर से अपने सपनो की बात कही, रांझे पे फ़िदा हीर उसे अपने घर ले गई और अपने यहाँ नौकरी पर रखवा दिया।

heer ranjha real photo, heer ranjha ki kahani

हीर के पिता ने राँझा को मवेशी चराने का काम सौप दिया, हीर राँझा की बासुरी की आवाज में मंत्र मुग्ध हो जाती थी और धीरे-धीरे हीर को रांझा से गहरा प्यार हो गया वो दोनों कई सालो तक गुप्त जगहों पे मिलते रहे लेकिन हीर के चाचा को इस बात की भनक लग गयी और सारी बात हीर के पिता चूचक और माँ मालकी को बता दी अब हीर के घरवालों ने रांझा को नौकरी से निकाल दिया और दोनों को मिलने से मना कर दिया।

heer ranjha real photo, heer ranjha ki kahani

कुछ दिनों बाद हीर के पिता ने हीर को सैदा खेरा नाम के व्यक्ति से विवाह करने के लिए मजबूर किया, मौलवियों और अपने परिवार के दवाब में आकर उसने सैदा खेरा नामक व्यक्ति से विवाह कर लिया।

जब इस बात की खबर रांझा को पता चली तो उसका दिल टूट गया और वह ग्रामीण इलाको में अकेला दर बदर भटकता रहा फिर एक दिन एक जोगी गोरख नाथ मिला जोगी संप्रदाय के कानफटा समुदाय से था।

उसके सानिध्य में उसके साथ रहकर रांझा भी जोगी बन गया रब का नाम लेता हुआ वो पुरे पंजाब में भटकता रहा और अंत में उसको उसके हीर का गांव मिल गया जहा वह रहती थी।

रांझा हीर के पति सैदा के घर गया और उसका दरवाजा खटखटाया उसकी आवाज सुनकर हीर बाहर आई और रांझा को भिक्षा देने लगी।

heer ranjha real photo, heer ranjha love story in hindi

दोनो एक दूसरे को देखते रह गए, रांझा रोजाना फकीर बनकर आता और हीर उसे भिक्षा देती, दोनो रोजाना ऐसे मिलने लगे लेकिन ये सिलसिला ज्यादा देर तक चल नही सका और एक दिन हीर की भाभी ने यह सब देख लिया।

heer ranjha real photo, heer ranjha love story in hindi

उसकी भाभी ने हीर को टोका तो रांझा गांव से बाहर चला गया, हीर के गांव के सारे लोग इसे फकीर मानकर उसे पूजने लगे।

रांझा की जुदाई में हीर बीमार हो गई जब बैद्द और हकीम से हीर का इलाज नही हुआ तो उसके ससुर ने रांझे के पास जाकर उसकी मदत मांगी और रांझा हीर के घर गया फिर उसने हीर के सर पर अपना हाथ रखा और हीर की चेतना लौट आई जब लोगो को पता चला की वो फकीर रांझा है

तब गांव के लोगो ने रांझा को पीटकर गांव से बाहर कर दिया फिर राजा ने उसे चोर समझकर पकड़ लिया।

लेकिन रांझा ने जब राजा को हकीकत बताई और अपने प्यार की परीक्षा देने के लिए आग पर हाथ रख दिया तब राजा ने हीर के पिता को आदेश दिया की वो हीर की शादी रांझा से करा दे, राजा की आज्ञा की डर से हीर के पिता ने इस शादी की मंजूरी देदी

heer ranjha real photo, heer ranjha love story in hindi

लेकिन शादी के दिन हीर के चाचा ने हीर के खाने में जहर मिला दिया ताकि ये शादी न हो पाए ये सूचना जैसे ही रांझा को मिली वो दौड़ता हुआ हीर के पास पहुंचा लेकिन अब बहोत देर हो चुकी थी।


हीर ने वो खाना खा लिया था जिसमे जहर मिला हुआ था जिससे उसकी मौत हो गई थी, रांझा अपने प्यार के मौत के दुख को झेल नहीं पाया और उसने भी वो जहर वाला खाना खा लिया और हीर के करीब ही रांझें ने भी अपना दम तोड दिया।

heer ranjha majar real photo, heer ranjha real love story in hindi

हीर और रांझा को उनके पैतृक गांव झंग में ही दफ्न किया गया जहा आज भी उन दोनो का उनके प्रेम का मजार बना हुआ है, भले ही हीर और रांझा मर गए हो लेकिन उनकी मोहब्बत आज भी लोगो के दिलो में जिंदा है।

सोहनी महिवाल की अद्भुत प्रेम कहानी हिंदी में

हीर रांझा, सस्सी पुन्नू और रोमियो जुइलिअट की तरह सोहनी महिवाल की प्रेम कहानी बहोत प्रसिद्ध है।

sohani mahiwal story
sohani mahiwal

18वी शताब्दी में एक सुन्दर कन्या सोहनी का जन्म तुला नामक कुम्हार के घर हुआ जो गुजरात पंजाब में उस समय गुजरात की चुन्नव नदी बखरा और दिल्ली व्यपारी रस्ते के बिच में आते थे जहाँ मुसाफिरों का करवा रुकता था।

जैसे जैसे मिटटी के घड़े उनके पास आते थे उनपर सुन्दर-सुन्दर कलाकृतिया निकलते थे और उन्हें बेचने के लिए तैयार करते थे।

sohani mahiwal love story in hindi

बुखारा एक समृद्ध और आमिर व्यपारी शहजादा इज्जद बेग पंजाब आया था और गुजरात जो की वर्तमान पाकिस्तान में था वहाँ रुका था।

वहाँ पर उसने सोहनी को देखा और पूरी तरह मंत्र मुग्ध हो गया इसके बाद वह केवल सोहनी का एक झलक पाने के लिए वह सोहनी द्वारा सजाये गए मटके रोज खरीदने आया करता था।

सोहनी का दिल भी इज़्ज़त बैग पर आ गया था, अपने करवा के साथ वापस बुखारा जाने की बजाय इज़्ज़त बैग ने तुला के ही घर में नौकर बनकर काम करने की ठान ली बल्कि इज़्ज़त बैग तुला के भैसो को चराने के लिए भी जाय करता था।

sohani mahiwal love story in hindi

और तभी से कुछ समय बाद वहाँ महिवाल के नाम से जाना जाने लगा, सोहनी और महिवाल का प्यार कुम्हार समुदाय में खलबली का कारण बना था।

उस समय कुम्हार समाज के लोग यह नहीं चाहते थे की उनके समाज की बेटी किसी दूसरी समाज के लड़के से विवाह करे इसलिए उनके माता पिता ने तुरंत सोहनी का विवाह एक दूसरे कुम्हार के साथ तय कर दिया।

बारात के दिन जब कुम्हार घर पर आया था सोहनी पूरी तरह से अकेली पड गयी थी, और डोली में बिठाकर सोहनी को अपने पति के घर भेजा गया था।

इसके बाद इज़्ज़त बैग ने अपनी पहचान बदल ली थी और एक फ़क़ीर की तरह रहने लगा था अचानक वह सोहनी के नए घर के पास के चुंनाव नदी के पास छोटी सी झोपड़ी में रहने लगा था।

अँधेरी रात में जब सारी दुनिया सो जाती थी तब ये दोनों प्रेमी नदी के किनारे एक दूसरे से मिलने आते थे, सोहनी मिटटी के बर्तन की सहायता से तैर कर नदी के उस पार महिवाल से मिलने आया करती थी।

sohani mahiwal love story in hindi

महिवाल रोज़ मछलिया पकड़ता था और सोहनी को खाने के लिए बनाया करता था, एक बार ज्यादा लहरों की वजह से महिवाल मछलियों को पकड़ने में असफल रहा तब महिवाल ने अपनी जांघ से कुछ टुकड़ा काटकर उसे भुना दिया, सोहनी को इस बारे में उसे पता नहीं था।

लेकिन सोहनी ने महिवाल को बताया की आज मछली के स्वाद में फर्क लग रहा है और जब सोहनी ने अपना हाथ उसके पैर पर रखा तब सोहनी को अहसास हुआ की महिवाल ने उसके लिए अपनी जांघ पर घाव मारा है और यह बात उन दोनों के प्यार की गहराई को दर्शाती है।

इस प्रकार उनके प्रेम की कहानी के चर्चे जगह-जगह फैलते गए थे, एक दिन सोहनी के भाभी ने सोहनी का पीछा किया और उस जगह छुप गयी जहा सोहनी अपना पानी पे तैरने वाला बर्तन रखती थी।

सोहनी को ऐसा करते हुए देखते ही उसने सोहनी की सासु माँ को बता दिया और अगले ही दिन सोहनी की भाभी ने तैरने वाले बर्तन को बदलकर वहां डूबने वाला बर्तन रख दिया, उस रात जब सोहनी मीठी के बर्तन के सहारे नदी पार करने की कोशिश कर रही थी तब वह बर्तन पानी में डूबने लगा और सोहनी भी डूबने लगी, महिवाल जब नदी के उस पर सोहनी को डूबता हुआ देखा और सोहनी को बचने के लिए माहिवाल  भी पानी में कूद गया।

और इस तरह दोनों प्रेमी की मृत्यु पानी में डूबने की वजह से हो गयी 

[TOP] 4 Best Love stories in hindi | real life love story

love stories in hindi

क्या आप गूगल पे प्यार की कहानियाँ ढूंढ़ रहे है। और ढूंढ़ते-ढूंढ़ते इस वेबसाइट पे आये है तो आप सही जगह पे है क्युकी इस पोस्ट में आपको 4 Love stories हिंदी में मिलेगा जिसमे तिन real love stories है और सबसे लास्ट वाली कहानी आपको पक्का रुला देगी मुझे उम्मीद है इस वेबसाइट पे लिखी हुई कहानियाँ आपको जरुर पसंद आएगी।

1.भारत से स्वीडन - A real life love stories

pradum kumar mahanandiya love story

यह कहानी प्रदुम कुमार महानन्दिया का है जिनका जन्म उड़ीसा के एक बुनकर दलित परिवार में सन 1949 में हुआ था। जैसा की हम जानते है भारत में दलितों को लेकर स्तिथि अभी तक पूरी तरह से सुधर नही पायी है मगर उस समय तो मानो जैसे ये कोई गलती जैसा था। बचप्पन से ही प्रदुम् को कई तरह की यातनाये और उत्पीड़न झेलने पड़े थे।

उन्हें स्कूल में बाकी बच्चो से अलग बिठाया जाता इतना ही नही बल्कि समाज के ही कुछ सरारती बच्चे उनके घर पर पत्थर फेका करते थे।

लेकिन कभी भी इन प्रस्तिथियो को प्रदुम ने अपने ऊपर हाबी नही होने दिया नयी-नयी चीजे सिखने और कुछ कर दिखाने का जज्बा उनके अन्दर हमेसा से ही था। कहते है बचपन से ही प्रदुमन को आर्ट में काफी दिलचस्पी थी।

और प्रदुम ललित कला की पढाई करना चाहते थे मगर पैसो की कमी उनकी रास्ते की रूकावट बन गयी जिसके चलते अच्छे कॉलेज में सिलेक्शन होने के बावजूद वो एड्मिसन नही ले पाए लेकिन कहा जाता है ना किसी चीज को सिद्दत से चाहो तो वो ज्यादा समय तक आपसे दूर नही रह पाती

प्रदुम की काबिलियत को देखते हुए उड़ीशा सरकार ने उनकी मदत के लिए आगे आई और 1971 में उन्हें दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स में पढाई करने का मौका मिला लेकिन प्रदुम की कहानी इतनी शिधि कैसे हो सकती है।

दिल्ली जाकर भी उनकी दिक्कते ख़त्म नही हुई कॉलेज में एड्मिसन तो मिल गया मगर रहने के लिए घर नही था ऐसे में उनको फूटपात पर सोना पड़ता और पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता लेकिन हर कदम पर उनकी कला उनके साथ थी।

कॉलेज के बाद वो शाम को दिल्ली कनौट प्लेस पर लोगो के पोट्रेट बनाया करते जिससे उन्हें कुछ पैसे मिल जाया करते थे रोज़ की तरह एक दिन कनौट प्लेस पे बैठे हुए थे।

तो उनके सामने एक कार आके रुकी जिसकी पिछली सिट पर एक विदेशी महिला बैठी हुई थी उन्होंने प्रदुम को उनका पोट्रेट बनाने को बोला बिना कुछ पूछे प्रदुम ने उन्हें जल्दी से पोट्रेट बना के दे दिया उस पोट्रेट को देख विदेशी महिला इम्प्रेस हो गयी और प्रदुम को मिलने आने के लिए कहा

अगले दिन प्रदुम उस महिला से मिलने पहुचे और उन्हें पता चला की वो महिला कोई और नही बल्कि रूस की वेलेंटिना टेरेशकोया थी जो की दुनिया की पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री है।

पोपुलेर्टी की तरफ तो प्रदुम का ये पहला कदम था। एक दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के सच्चेव महानन्दिया के पास आये और उनसे इंदिरा जी का पोट्रेट बनाने को कहा, प्रदुम के बनाये पोट्रेट को देख सभी इतना खुश हुए की उसके बाद से दिल्ली सरकार का रवैया उनके प्रति बदल गया।

तब तक प्रदुम काफी मुस्किल हालातो से गुजर रहे थे मगर फिर सरकार ने उन्हें कुछ जरुरी सुविधाए मुहया करने का फैसला लिया उन्हें देर रात काम करने के लिए बन्दों बस किया गया इसके बाद से प्रदुम दिन रात एक करके मेहनत करने लगे

मगर शायद उन्हें भी इस बात का अंदाजा नही था की कनौट प्लेस के एक कोने में बैठे-बैठे उनकी जिन्दगी बदलने वाली है ये किस्सा साल 1975 का है जब शेर्लोट वोन स्वेडविन स्वीडिश स्टूडेंट मशहुर हिप्पी ट्रेल को फॉलो करते हुए 22 दिन के टूर पर इंडिया आई थी जब वो कनौट प्लेस घुमने के लिए गए।

और उसने प्रदुम को देखा और अपना पोट्रेट बनाने को कहा फिर वही हुआ जिसे हम सभी लोग कहते है लव ऐट फर्स्ट साइड, शेर्लोट को देख प्रदुम इतना नर्वस हो गए की शेर्लोट का पोट्रेट बना ही नही पाए और उन्हें कल फिर से आने के लिए कहा अगले दिन प्रदुम ने शेर्लोट को उनका पोट्रेट बना कर दे दिया।

लेकिन इसके बाद भी शेर्लोट प्रदुम से लगातार मिलने आती रही और दोनों के बिच गहरी दोस्ती और एक अच्छा कनेक्शन बन गया।

दोस्तों किसी भी लव स्टोरी में दो प्यार करने वाले कभी न कभी मिलेंगे ये तो तय होता है मगर वो दिन कौन होगा ये किसी को नही पता होता है। प्रदुम का केश थोडा अलग था दरसल उनके पिता प्रोफेसन से पोस्ट मास्टर होने के साथ-साथ ज्योतिष की भी काफी अच्छी समझ रखते थे।

उन्होंने पहले ही ये बता दिया था की प्रदुम की शादी दुसरे देश की किसी वृषभ राशी वाली एक म्युजिसियन लड़की से होगी जो एक जंगल की मालकिन भी होगी शेर्लोट से मिलने के बाद प्रदुम अपने पिता की भविष्यवाणी याद आई और मजे की बात तो ये है की जब उन्होंने ये बात शेर्लोट से बताई तो उन्होंने कहा हा मै एक म्युजिसियन हु और मेरा जोडिएक साइन भी वृषभ है और तो और शेर्लोट सच में एक बड़े जंगल की मालकिन भी थी।

ये बात करने के बाद प्रदुम को यकीं हो गया की यही वो लड़की है जिसके साथ उनकी शादी होने वाली है। धीरे-धीरे दोनों में प्यार बढ़ता गया और फिर उन्होंने ट्रेवल रीती रिवाजो से शादी कर ली दो तिन हफ्तों के बाद शेर्लोट की विजा ख़त्म होने का दिन आ गया।

फिर उन्हें स्वीडन वापस लौटना पड़ा दूसरी तरफ प्रदुम ने यही रूककर अपने काम को आगे बढ़ाने का फैसला किया और करीब 1 साल 6 महीने अपनी पत्नी से दूर रहे इस दौरान दोनों लेटर्स के जरिये बात किया करते थे।

और आखिरकार साल 1977 में शेर्लोट से मिलने स्वीडन जाने का फैसला किया मगर उनके पास इतने पैसे नही थे की वे हवाई जहाज का टिकेट खरीद पाते ऐसे में उन्होंने अपने पास मौजूद सारा सामान बेच दिया जिससे उन्हें 1200 रूपये मिले।

और फिर होती है हमारे कहानी की हीरो की एंट्री उन्ही 1200 रूपये में से 80 रूपये खर्च कर प्रदुम ने पुरानी साईकिल खरीद ली और पैडल मारते हुए अपने 6000 किलोमीटर से भी ज्यादा लम्बे सफ़र पर निकल पड़े जी हा आपने बिलकुल सही पढ़ा प्रदुम भारत से यूरोप करीब 6000 किलोमीटर का सफ़र साइकल पर तय करने वाले थे।

अपने प्यार से मिलने की राह में उन्हें तरह तरह की मुश्किले झेलनी पड़ी, रास्ते में वो कुछ लोगो की स्केच बनाते और उसके बदले उनसे खाना और एक रात उनके घर में रुकने की मदत मांग लिया करते कई राते तो प्रदुम अपने स्लीपिंग बैग में खुले आसमान के निचे बिताने पड़े।

फिर कुछ रुपयों और कुछ अच्छे लोगो की मदत से प्रदुम ईरान, तुर्की, आफ्गानिस्तान, बुल्गारिया, जर्मनी और ऑस्ट्रिलिया जैसे देशो से गुजरते हुए 5 महीनो के लम्बे सफ़र के बाद आखिर कार स्वीडन की सीमा पर पहुचे लेकिन फिर सुरु होता है क्लाइमेक्स इमिग्रेसन विजा ना होने के कारण प्रदुम को बॉर्डर पे ही रोक दिया जाता है।

और प्रदुम को शादी का सर्टिफिकेट दिखाने के बाद भी स्वीडन के ऑफिसर उन्हें अन्दर नही जाने देते क्युकी उन्हें इस बात पर यकीं नही होता की साईकिल के जरिये कोई इन्सान भारत से वहा तक कैसे पहोच सकता है और ऐसे इन्सान की शादी स्वीडन की एक आमिर लड़की से कैसे हो सकती है।

शादी की तस्वीरो के देखने के बाद उन्होंने शेर्लोट से संपर्क किया और उन्होंने कन्फर्मेशन के बाद ही प्रदुम को सीमा में दाखिल होने की इजाजत दी गयी। अपने पति की स्वीडन जाने की बात सुनकर शेर्लोट खुद प्रदुम को गोदंभग बॉर्डर लेने आयी।

और फिर दोनों साल 1989 में स्वीडन के कानून के अनुसार फिर से शादी की और आज इनके शादी को 40 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। और इनके दो बच्चे भी है, समय समय पर प्रदुम आज भी उड़ीसा अपनी पत्नी के साथ आते है और अपने गाव वालो से मिलकर वापस जाते है।

इसे भी पढ़े -

2.संदीप महेश्वरी की success love story

sandeep maheshwari love story in hindi

संदीप महेश्वरी सर को कौन नहीं जानता लेकिन क्या आप उनकी love story जानते है अगर जानते है तो अच्छी बात है आप निचे दी हुई तीसरी कहानी पढ़ सकते है और अगर इनकी love story नही जानते तो इस कहानी पढ़िए आपको यह कहानी बेहद पसंद आएगी।

एक ऐसा लड़का जिसका सिर्फ एक ही दोस्त था और ये कहानी तब की है जब वो 9वी कक्षा में थे ये अपने आप को हमेशा कम समझते थे और ये बहोत ही इनसेक्योर थे लेकिन लड़ाई झगडा करने में बहोत तेज थे।

जैसे तैसे करके ये 10वी पास हुए तो इन्होने अपना स्कूल चेंज करने को सोचा और किसी दुसरे स्कूल में दाखिला कारने गए और जब वो काउंटर पर दाखिला कराने गए तब संदीप को एक लड़की देखती है।

और इनसे आकर्षित हो जाती है और सोचती है की इस लड़के का दाखिला हो जाये तो मज़ा आ जायेगा लेकिन संदीप को ये बात पता नही होती है की कोई लड़की उनसे आकर्षित हो रही है।

लेकिन जब संदीप दुसरे दिन स्कूल जाते है तो वो भी उस लड़की को देखते है जो लड़की उनको देख कर आकर्षित हुई थी, जब संदीप उस लड़की को देखते है तो उनके मन भी यही बात चलती है की काश ये लड़की मेरी gf बन जाये लेकिन संदीप अपने आपको हमेशा low फील करते है तो इसकी वजह से वो सोचते है जाने दो ये मेरी औकात से ऊपर है।

लेकिन लड़की जिनका नाम रूचि था वो संदीप से बात करने के लिए आती है फिर संदीप और रूचि में दोस्ती हो जाती है जो धीरे-धीरे प्यार में बदल जाता है और दोनों हमेशा साथ में पढ़ते और जब स्कूल से बंक मरना हो तो बंक मार के घुमने निकल जाते थे।

ऐसे करते हुए 1 साल गुजर गए संदीप 12वी कक्षा में चले गए फिर उनको पढ़ने का भूत चढ़ जाता है जिसके वजह से वो रूचि को टाइम नहीं दे पाते थे।

जिसकी वजह से इनके रिश्ते ख़राब होने लगे, रूचि संदीप से बोलती है की पढाई कर रहे हो ठीक है लेकिन ये तो नही की तुम बिलकुल ही मुझे इग्नोर करो लेकिन संदीप के मन हमेशा यही चलता था की नही मुझे पढना है तो बस पढना है।

संदीप ने खूब मेहनत से पढाई की लेकिन मजेदार बात ये है की जब रिजल्ट आया तो पता चला पुरे स्कूल में रूचि ने टॉप किया और संदीप का बस 85% आया था।

12वी पास करने के बाद संदीप की आर्थिक स्तिथि ख़राब होने के वजह से काम करना स्टार्ट कर दिया उन्होंने बहोत काम किये कुछ में फ़ैल हुए तो कुछ में पास और कुछ काम में पास होने के बावजूद उन्होंने वो काम छोड़ दिया क्युकी उनके मन में हमेशा चलता था की उन्हें कुछ ऐसा करना है।

जिसे करने के बाद पैसे भी कमाए जा सके और उस काम को करने में मजा भी आये फिर उन्होंने अपनी एक कंपनी खोली जिसका नाम images bazar था और वो इसमें सफलता भी पा लिए।

और जब उन्हें सफलता मिल गयी और वो आर्थिक रूप से स्थिर हो गए तब जाके संदीप रूचि से शादी कर लिए और आज के समय में उनके दो बच्चे भी है।

तो यही है हमारे संदीप महेश्वरी जी का success love story जिन्होंने अपने कैरिअर में सफलता पाए और अपने प्यार में भी, अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो निचे कमेंट करके जरुर बताइएगा हम आपके लिए ऐसी कहानियाँ लाते रहेंगे।

3.घुटरघू - cute couple romantic love story

ghuturghu romantic love story

सुबह होता है, सूर्य भगवान अपनी दिशा में उगते है, मंदिर की घंटिया बजती है और चिडियों की चहकने की आवाज सुनाई देती है तभी छत पे सोया एक लड़का उठकर अंगडाइया लेता है जिसका नाम प्रदीप होता है।

सुबह उठते ही प्रदीप छत पे इट के निचे से अपना छुपाया हुआ सिगरेट और लाइटर निकालता है और सिगरेट जला कर अपनी आँखे बंद करके एक सुट्टा मारता ही है की तभी उसके बाजु वाले छत पे एक कबूतर उड़कर आके बैठ जाता है।

कबूतर की फडफड की आवाज सुनकर प्रदीप डर जाता है की कही उसके घर वाले उसको सिगरेट पिटे हुए देख ना ले नही तो उसकी कुटाई हो जाएगी।

फिर वो इधर उधर देखने लगता है कोई है तो नही जो उसको सिगरेट पिटे हुए देख रहा हो देखते समय उसे एक कबूतर दिखाई देता है वो कबूतर को देख के मुस्कुराता है उसी समय उसके पड़ोस के छत पे एक कोई नयी लड़की  दिखती है जो अपने रिश्तेदार के घर आई होती है और वो छत पे कपडे सुखाने के लिए आती है।

और प्रदीप उसे देखता है, वो इतनी सुन्दर होती है की प्रदीप उसे देखता ही रह जाता है देखते देखते उसकी सिगरेट जल कर ख़तम हो जाती है और उसके उंगलियों में सिगरेट की आग टच हो जाती है जिसके वजह से वो जल जाता है, उंगलिया जलने के बाद वो अपने उंगलियों को देखने लगता है।

फिर दोबारा वो उस लड़की की तरफ देखता है तो वो वहाँ नही होती है वहाँ से चली जाती है इसके बाद वो लड़का आसमान की तरफ देखता है और मन ही मन बोलता है हे भगवन आज सुबह सुबह किसके दर्शन करा दिए आप

दुसरे दिन लड़का फिर सुबह छत पर अपना camera लेके जाता है और अपने पडोसी के छत पे देखता है लेकिन लड़की वहाँ नही रहती है और उसी समय लड़की के पापा वहाँ आ जाते है और लड़का उन्हें देख कर छुप जाता है।

कुछ समय छुपने के पश्चात प्रदीप के ऊपर एक बॉडी गिरती है और वो बॉडी को उठा के देखने लगता है और फिर सामने देखता है तो वो लड़की अपने छत पे खड़ी हुई होती है।

फिर लड़की अपनी उंगलियों से चुटकी बजाती है और और प्रदीप से बोलती है, "ओ हेल्लो इधर लाके दो"

फिर प्रदीप बॉडी ले जाकर देता है और बोलता है,"इतना बड़ा" फिर लड़की बोलती है,"ये मेरा नही है कबूतर, पता नही कहाँ-कहाँ से आ जाते है ऐसे लोग" लड़की तो उसे गुस्से में ऐसे बोल के चली जाती है लेकिन प्रदीप को देखकर उसे हसी भी आ गयी होती है।

जब वो लड़की प्रदीप को देखती तो उसे हसी आ जाती ऐसे ही दो दिन गुजर जाते है और लड़की के मन में हमेशा प्रदीप का चित्र बनता है और वो बार बार प्रदीप के बारे में सोचती है।

और उस लड़की को प्रदीप से प्यार हो जाता है फिर लड़की प्रदीप से मिलना चाहती है लेकिन उस से डायरेक्ट बोल नही पाती, फिर लड़की ने एक पेपर में मिलने का टाइम लिखकर कबूतर के पैर में बाँध देती है और उस कबूतर को उड़ा देती है।

कबूतर प्रदीप के पास जेक बैठ जाता है और जब प्रदीप उस पेपर को खोलकर देखता है तो वो बहोत खुश हो जाता है और वही छत पे डांस करने लगता है।

कुछ घंटो बाद मिलने का टाइम हो जाता है फिर लड़की छत पे आती है और प्रदीप तो पहले से छत पे रहता है, दोनों मिलते है लेकिन एक दुसरे से बात नहीं करते है कभी लड़की प्रदीप को देख कर मुस्कुराती है तो कभी प्रदीप लडकी
को देख के मुस्कुराता है।

ऐसे करते करते 5 मिनट गुजर जाते है फिर लड़की प्रदीप को कुछ खाने के लिए देती है और प्रदीप उसे जैसे मुह में डालता है वो पागल हो जाता है और चिल्लाने लगता है क्युकी वो बहोत तीखी चीज़ खा लेता है।

फिर लड़की प्रदीप को बोलती है,"चुप रहो नही तो कोई आ जायेगा" और लड़का चुप हो जाता है लेकिन प्रदीप की आवाज सुनकर छत पे लड़की के पापा आ जाते है लेकिन उन दोनों को देख नही पाते क्युकी वो दोनों छिप जाते है।

जब छत पे कोई नही दीखता है तो लड़की के पापा वहाँ से चले जाते है, प्रदीप लड़की को देखता है और लड़की प्रदीप को देखती है दोनों ऐसे ही 5 मिनट एक दुसरे को देखते है फिर लड़का धीरे-धीरे लड़की की तरफ बढ़ता है और वो दोनों एक दुसरे के बहोत करीब हो जाते है।

उन दोनों की साँसे बढ़ने लगती, प्रदीप लड़की को किस करने वाला ही रहता है की लड़की उसे रोक लेती है और उसे कबूतर बोलकर चली जाती है।

दुसरे दिन फिर दोनों छत पे मिलते है और दोनों छत के दीवार पे बैठे रहते है, प्रदीप जितना लड़की के करीब जाता लड़की उतना ही प्रदीप से दूर जाके बैठ जाती, प्रदीप लड़की की तरफ देखता है और कुछ बोले उसके पहले ही लड़की दो कबूतरों की तरफ इशारा करके बोलती है,"जैसा वो दोनों करेंगे वैसे हम भी करेंगे"

तभी वहाँ से एक कबूतर उड़ जाता है और लड़की उसे देखकर वो भी वहाँ से भाग जाती है। अगले दिन फिर दोनों वही छत पे मिलते है।

दोनों कबूतर भी वही पे रहते है लड़की आके छत की दीवार पे बैठती है और दोनों बाते करते है बात करते करते प्रदीप लड़की के बिलकुल करीब जा के बैठ जाता है, लड़की उसके तरफ देखने लगती तो प्रदीप उन कबूतरों की तरफ इशारा करता है।

दोनों कबूतर भी एक दुसरे से चिपक के बैठे होते है फिर दोनों कबूतर एक दुसरे के चोच पे चोच टच करते है ये देख के प्रदीप ख़ुश हो जाता है फिर वो भी लड़की को किस करता है, किस करने के बाद लड़की गमले में से एक छोटा सा कंकड़ उठाती है और कबूतरों की तरफ फेकती है।

कबूतर उड़ता है लेकिन फिर लडखडा जाता है और फिर उसी जगह आके बैठ जाता है ये देख लड़की को डाउट होता है की कबूतर उड़ के फिर क्यों बैठ गया। तो फिर लड़की कबूतरों की तरफ जाती है और देखती है की दोनों कबूतरों को एक सफेद पतले रस्सी से एक दुसरे के पैर में बंधा होता है।

लड़की समझ जाती है की ऐसा प्रदीप ने किया है बस मेरे पास बैठने के लिए फिर वो प्रदीप की तरफ देखती है और गुस्से में चीटर बोल के चली जाती है।

4.फेसबुक का प्यार - heart touching sad love story

यह कहानी अनुज नाम के लड़के की है यह कहानी really में आपको रुला देगा ये कहानी आप अनुज की जुबानी सुनिए। निचे आपको प्ले बटन दिखेगा वहाँ क्लिक करके आप सुन सकते है।



इसे भी पढ़े -

अगर आपको ये कहानियाँ अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट कर के बताये।