आज आपको इस पोस्ट में एक पति और पत्नी का romantic love story पढने को मिलेगा यह कहानी बहोत ही funny है मुझे उम्मीद है यह कहानी आपको बहोत पसंद आएगी।
पति पत्नी का Romantic love story
सुबह के टाइम चांदनी चेयर पे बैठ कर कॉफ़ी पीती है और उसी वक्त सूरज सो के उठता है और सर पकड़ कर बैठ जाता है, फिर चांदनी से बोलता है -"मेरे लिए भी एक कप कॉफ़ी बना दो"
चांदनी गुस्से में बोलती है - "मुझसे क्यों बोल रहे हो जाके अपनी वाइफ से बोलो ना"
सूरज - "हा तो अपनी वाइफ से ही तो बोल रहा हु क्या तुम मेरी वाइफ नहीं हो क्या?"
चांदनी - ओह्ह रिअली, कल रात को तो कोई और थी।
सूरज - क्या
चांदनी - हा, कल रात को तुम उस लड़की से ऐसे चिपक रहे थे जैसे बीवी मै नही वो हो
सूरज - अरे यार वो लड़की प्रिया मेरे साथ काम करती है और पार्टी में तो इतना होता रहता है।
चांदनी - अच्छा पार्टी में इतना होता है, सच बात तो ये है की तुमने हॉट लड़की देखि नही बस जा के चिपकने लगते हो
सूरज - अरे यार इतना होता रहता है इसमें मेरी गलती क्या है।
फिर चांदनी सूरज का फ़ोन निकलती है और सूरज को एक फोटो दिखाती है फिर पूछती है "ये क्या है?"
सूरज - सेल्फी है यार पार्टी में चिल कर रहे थे तो सोचा सेल्फी लेलु
चांदनी - अच्छा मै भी ऐसे चिल करू और सेल्फी लू क्या?
सूरज - अरे यार मै थोडा सा पी लिया था और पिने के बाद इतना होता है
चांदनी - हा पिने के बाद तो आपकी औकात सामने आ जाती है ना
सूरज गुस्से में चांदनी को बोलता है "बस करो यार बहोत हो गया तुम्हारा बकवास" फिर चांदनी और सूरज आपस में काफी देर तक झगड़ते है।
चांदनी - मेरे डैड सही बोल रहे थे मत कर लव मैरेज लेकिन मै उनकी बात नही मानी अगर मै उनकी बात मान जाती तो, तभी सूरज बोलता है "तो सही होता कम से कम इस चिक चिक से छुटकारा मिल जाता हमें और मेरे पापा ने भी यही कहा था की लव मैरेज मत कर लेकिन मेरी तो मति मरी गयी थी।"
इतना झगड़ने के बाद दोनों कुछ देर शांति से बैठते है और फिर चांदनी बोलती है "सॉरी बोलो और अपनी गलती एक्सेप्ट करो"
सूरज - क्यों सॉरी बोलू मेरी गलती ही क्या है?
चांदनी - ठीक है मै तुम्हे छोड़ के जा रही हु
सूरज - क्या
चांदनी - हा मै तुम्हे, तुम्हारे घर सब कुछ छोड़ के जा रही हु
सूरज - अच्छा जाओ अभी के अभी जाओ मुझे कोई फर्क नही पड़ता है
चांदनी - सूरज अगर तुमने मुझे सॉरी नही कहा ना तो मै सच्च में बोल रही हु मै चली जाउंगी और तुम फिर मुझे बुलाने की कोशिस मत करना, बिलकुल भी मत करना
सूरज - कभी नही करूँगा जाओ तुम
चांदनी जाती नहीं है और सूरज से नाराज होकर बैठी रहती है फिर सूरज वहाँ से उठकर अपने कमरे में चला जाता है तो चांदनी छुप कर उसे देखती है और जैसे ही सूरज कमरे से बाहर आता है।
चांदनी अपने माँ से फोन पे बात करने का नाटक करने लगाती है और बोलती है, " हाँ माँ नहीं माँ बस ऐसे ही आपकी याद आ रही थी, मैंने सोचा मै कल ही आपके यहाँ आ जाती हु, क्या शीला ने अपने पति को तलाक दे दिया चलो अच्छा हुआ उसके लिए, नहीं माँ ये सारे मर्द एक जैसे होते है चलो ठीक है बाय"
इतना बोल के काल कट करने का नाटक करती है फिर सूरज बालकनी में जाके खड़ा हो जाता है और चांदनी के आने का वेट करता है और चांदनी जैसे ही बालकनी में कपडे उठाने जाती है वैसे ही सूरज अपने दोस्तों से फोन में बात करने का नाटक करता है और बोलता है
" हा भाई मइके जा रही है, हाँ तो जा छोड़ के आ ना उसको और सॉरी तो बिलकुल भी मत बोलना इनको क्या लगता है की इनके बिना हम रह नहीं सकते हा चल मिलते है इसके बाद बाय"
इतना बोल के सूरज वहाँ से चला जाता है और हाल में बैठ कर टीवी देखने लगता है कुछ समय बाद चांदनी भी वही पहोच जाती है और दोनों बैठ के टीवी देखते है और टीवी में देखते समय समय छोले बठुरे की आवाज टीवी से जैसे ही सुनाई देती है चांदनी के मुह में पानी आ जाता है और चिल्ला के बोलती है सूरज वैसे ही उसे याद आ जाता है की उन दोनों का झगडा हुआ है।
फिर वो गाना गाने लगती है सूरज हुआ मद्धम चाँद ढलने लगा, कुछ समय बाद सूरज वहां से चला जाता है और अपने कमरे में लैपटॉप लेकर कुछ काम करने लगता है 2 घंटे काम करने के बाद उसको प्यास लगाती है और चांदनी उसके कमरे से गुजरती है।
हर रोज़ की तरह वह चांदनी से पानी मांगने के लिए बोलता है "चांदनी" ये सुनकर चांदनी वहाँ रुक जाती है और सूरज को फिर याद आता है की उनका तो झगड़ा हुआ है तो सूरज भी ये वाला गाना गाने लगता है।
रंग भरे बदल से तेरे मेरे नैनो के काजल से लिख दिया तेरा नाम ओ चांदनी ओ चांदनी
उसी समय सूरज के फ़ोन पे उसके बॉस का काल आता है और सूरज फोन उठा अपने बॉस से बात करता - हां सर ठीक है सर आज रात 12 बजे ओके सर, नहीं सर कोई प्रॉब्लम नही है।
इतना बात करने के बाद कॉल कट कर देता है और चांदनी के तरफ देख कर बोलता है चलो 2 हफ्तों के लिए तो छुटकारा मिला इतना सुन कर चांदनी उदास हो जाती है।
रात के 9 बजते है और चांदनी सोचती है की उसे सब कुछ भूल कर सूरज से बात करनी चाहिए फिर सोचती है की लेकिन प्यार से सॉरी ओ बोल दे
यही बात सूरज भी सोचता है ओ भी सोचता है की चांदनी से बात करे फिर उसका attitude उसके सामने आ जाता है तो मन ही मन बोलता है शुरुआत ओ कर दे
कुछ समय बाद दोनों एक दुसरे से बात करने का मूड बना लेते है और एक दुसरे से बात करने जाते है लेकिन जैसे ही एक दुसरे के सामने आते अहै तो एक दुसरे को देख के चले जाते है और बात नही करते है।
रात के 11 बज गए होते है सूरज अपना बैग पैक करता है सब तैयारी करने के बाद वो कुछ समय के लिए बैठता है और जब 12 बजने में कुछ मिनट बचा होता है तो सूरज को ऑफिस से एक आदमी बुलाने आता है और सूरज का बैग लेके जाता है फिर सूरज भी उस आदमी के पीछे पीछे जाने लगता है।
चांदनी हाल में खड़ी होकर सूरज को देख कर उदास हो जाती है और उसके आँखों में आंसू आ जाते है फिर सूरज और चांदनी दोनों एक दुसरे के करीब आते है और दोनों के मुह से एक ही शब्द निकलता है "सॉरी" फिर दोनों मुस्कुराते है और सूरज चांदनी को i love you बोलता है और चांदनी i love you too बोलती है।
दोनों एक दुसरे को गले लगाते है, सूरज के कड़ी से टू टू की आवाज आती है सूरज को पता चल जाता है की 12 बज गए है तो सूरज चांदनी को हैप्पी एनिवेर्सेरी बोलता है उसी वक्त सूरज के बॉस का काल आता है और उसके बॉस सूरज से बोलते है की प्रोजेक्ट कैंसिल हो गया है अब तुम्हे नही जाना है।
ये सुन कर दोनों बहोत खुश हो जाते है और एक दुसरे को किस करने लगते है उसी वक़्त सूरज के फोन पे एक और कॉल आता है चांदनी फोन उठा के देखती है तो प्रिय का कॉल होता है।
ये देख कर चांदनी का पारा फिर गरम हो जाता है वो बोलती है - इतनी रात को ये प्रिया क्यों काल कर रही है
सूरज बोलता है मुझे क्या पता सायद हमारी एनिवेर्सेरी विश करने के लिए काल कर रही हो, चांदनी गुस्से में वहाँ से जाने लगाती है फिर सूरज अरे यार हमारी एनिवेर्सेरी, तुम बात कर लो उस से, फिर से वही प्रॉब्लम यार
चांदनी गुस्से में कमरे के अन्दर जाती है और अन्दर से दरवाजे की कुण्डी लगा देती है और बहार से सूरज चांदनी को बेबी प्लीज दरवाज खोलो सॉरी बेबी बोल के मनाता है।
झगड़े तो हर रिलेशन में होते रहते है और लड़कियां छोटी-छोटी बात पे मुह फुला लेती है और नाराज होकर बैठ जाती है फिर उन्हें मनाना पड़ता है क्या आपकी पत्नी या गर्लफ्रेंड भी ऐसा करती है तो कमेंट कर के जरुर बताये।
क्या आप गूगल पे प्यार की कहानियाँ ढूंढ़ रहे है। और ढूंढ़ते-ढूंढ़ते इस वेबसाइट पे आये है तो आप सही जगह पे है क्युकी इस पोस्ट में आपको 4 Love stories हिंदी में मिलेगा जिसमे तिन real love stories है और सबसे लास्ट वाली कहानी आपको पक्का रुला देगी मुझे उम्मीद है इस वेबसाइट पे लिखी हुई कहानियाँ आपको जरुर पसंद आएगी।
1.भारत से स्वीडन - A real life love stories
यह कहानी प्रदुम कुमार महानन्दिया का है जिनका जन्म उड़ीसा के एक बुनकर दलित परिवार में सन 1949 में हुआ था। जैसा की हम जानते है भारत में दलितों को लेकर स्तिथि अभी तक पूरी तरह से सुधर नही पायी है मगर उस समय तो मानो जैसे ये कोई गलती जैसा था। बचप्पन से ही प्रदुम् को कई तरह की यातनाये और उत्पीड़न झेलने पड़े थे।
उन्हें स्कूल में बाकी बच्चो से अलग बिठाया जाता इतना ही नही बल्कि समाज के ही कुछ सरारती बच्चे उनके घर पर पत्थर फेका करते थे।
लेकिन कभी भी इन प्रस्तिथियो को प्रदुम ने अपने ऊपर हाबी नही होने दिया नयी-नयी चीजे सिखने और कुछ कर दिखाने का जज्बा उनके अन्दर हमेसा से ही था। कहते है बचपन से ही प्रदुमन को आर्ट में काफी दिलचस्पी थी।
और प्रदुम ललित कला की पढाई करना चाहते थे मगर पैसो की कमी उनकी रास्ते की रूकावट बन गयी जिसके चलते अच्छे कॉलेज में सिलेक्शन होने के बावजूद वो एड्मिसन नही ले पाए लेकिन कहा जाता है ना किसी चीज को सिद्दत से चाहो तो वो ज्यादा समय तक आपसे दूर नही रह पाती
प्रदुम की काबिलियत को देखते हुए उड़ीशा सरकार ने उनकी मदत के लिए आगे आई और 1971 में उन्हें दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स में पढाई करने का मौका मिला लेकिन प्रदुम की कहानी इतनी शिधि कैसे हो सकती है।
दिल्ली जाकर भी उनकी दिक्कते ख़त्म नही हुई कॉलेज में एड्मिसन तो मिल गया मगर रहने के लिए घर नही था ऐसे में उनको फूटपात पर सोना पड़ता और पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता लेकिन हर कदम पर उनकी कला उनके साथ थी।
कॉलेज के बाद वो शाम को दिल्ली कनौट प्लेस पर लोगो के पोट्रेट बनाया करते जिससे उन्हें कुछ पैसे मिल जाया करते थे रोज़ की तरह एक दिन कनौट प्लेस पे बैठे हुए थे।
तो उनके सामने एक कार आके रुकी जिसकी पिछली सिट पर एक विदेशी महिला बैठी हुई थी उन्होंने प्रदुम को उनका पोट्रेट बनाने को बोला बिना कुछ पूछे प्रदुम ने उन्हें जल्दी से पोट्रेट बना के दे दिया उस पोट्रेट को देख विदेशी महिला इम्प्रेस हो गयी और प्रदुम को मिलने आने के लिए कहा
अगले दिन प्रदुम उस महिला से मिलने पहुचे और उन्हें पता चला की वो महिला कोई और नही बल्कि रूस की वेलेंटिना टेरेशकोया थी जो की दुनिया की पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री है।
पोपुलेर्टी की तरफ तो प्रदुम का ये पहला कदम था। एक दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के सच्चेव महानन्दिया के पास आये और उनसे इंदिरा जी का पोट्रेट बनाने को कहा, प्रदुम के बनाये पोट्रेट को देख सभी इतना खुश हुए की उसके बाद से दिल्ली सरकार का रवैया उनके प्रति बदल गया।
तब तक प्रदुम काफी मुस्किल हालातो से गुजर रहे थे मगर फिर सरकार ने उन्हें कुछ जरुरी सुविधाए मुहया करने का फैसला लिया उन्हें देर रात काम करने के लिए बन्दों बस किया गया इसके बाद से प्रदुम दिन रात एक करके मेहनत करने लगे
मगर शायद उन्हें भी इस बात का अंदाजा नही था की कनौट प्लेस के एक कोने में बैठे-बैठे उनकी जिन्दगी बदलने वाली है ये किस्सा साल 1975 का है जब शेर्लोट वोन स्वेडविन स्वीडिश स्टूडेंट मशहुर हिप्पी ट्रेल को फॉलो करते हुए 22 दिन के टूर पर इंडिया आई थी जब वो कनौट प्लेस घुमने के लिए गए।
और उसने प्रदुम को देखा और अपना पोट्रेट बनाने को कहा फिर वही हुआ जिसे हम सभी लोग कहते है लव ऐट फर्स्ट साइड, शेर्लोट को देख प्रदुम इतना नर्वस हो गए की शेर्लोट का पोट्रेट बना ही नही पाए और उन्हें कल फिर से आने के लिए कहा अगले दिन प्रदुम ने शेर्लोट को उनका पोट्रेट बना कर दे दिया।
लेकिन इसके बाद भी शेर्लोट प्रदुम से लगातार मिलने आती रही और दोनों के बिच गहरी दोस्ती और एक अच्छा कनेक्शन बन गया।
दोस्तों किसी भी लव स्टोरी में दो प्यार करने वाले कभी न कभी मिलेंगे ये तो तय होता है मगर वो दिन कौन होगा ये किसी को नही पता होता है। प्रदुम का केश थोडा अलग था दरसल उनके पिता प्रोफेसन से पोस्ट मास्टर होने के साथ-साथ ज्योतिष की भी काफी अच्छी समझ रखते थे।
उन्होंने पहले ही ये बता दिया था की प्रदुम की शादी दुसरे देश की किसी वृषभ राशी वाली एक म्युजिसियन लड़की से होगी जो एक जंगल की मालकिन भी होगी शेर्लोट से मिलने के बाद प्रदुम अपने पिता की भविष्यवाणी याद आई और मजे की बात तो ये है की जब उन्होंने ये बात शेर्लोट से बताई तो उन्होंने कहा हा मै एक म्युजिसियन हु और मेरा जोडिएक साइन भी वृषभ है और तो और शेर्लोट सच में एक बड़े जंगल की मालकिन भी थी।
ये बात करने के बाद प्रदुम को यकीं हो गया की यही वो लड़की है जिसके साथ उनकी शादी होने वाली है। धीरे-धीरे दोनों में प्यार बढ़ता गया और फिर उन्होंने ट्रेवल रीती रिवाजो से शादी कर ली दो तिन हफ्तों के बाद शेर्लोट की विजा ख़त्म होने का दिन आ गया।
फिर उन्हें स्वीडन वापस लौटना पड़ा दूसरी तरफ प्रदुम ने यही रूककर अपने काम को आगे बढ़ाने का फैसला किया और करीब 1 साल 6 महीने अपनी पत्नी से दूर रहे इस दौरान दोनों लेटर्स के जरिये बात किया करते थे।
और आखिरकार साल 1977 में शेर्लोट से मिलने स्वीडन जाने का फैसला किया मगर उनके पास इतने पैसे नही थे की वे हवाई जहाज का टिकेट खरीद पाते ऐसे में उन्होंने अपने पास मौजूद सारा सामान बेच दिया जिससे उन्हें 1200 रूपये मिले।
और फिर होती है हमारे कहानी की हीरो की एंट्री उन्ही 1200 रूपये में से 80 रूपये खर्च कर प्रदुम ने पुरानी साईकिल खरीद ली और पैडल मारते हुए अपने 6000 किलोमीटर से भी ज्यादा लम्बे सफ़र पर निकल पड़े जी हा आपने बिलकुल सही पढ़ा प्रदुम भारत से यूरोप करीब 6000 किलोमीटर का सफ़र साइकल पर तय करने वाले थे।
अपने प्यार से मिलने की राह में उन्हें तरह तरह की मुश्किले झेलनी पड़ी, रास्ते में वो कुछ लोगो की स्केच बनाते और उसके बदले उनसे खाना और एक रात उनके घर में रुकने की मदत मांग लिया करते कई राते तो प्रदुम अपने स्लीपिंग बैग में खुले आसमान के निचे बिताने पड़े।
फिर कुछ रुपयों और कुछ अच्छे लोगो की मदत से प्रदुम ईरान, तुर्की, आफ्गानिस्तान, बुल्गारिया, जर्मनी और ऑस्ट्रिलिया जैसे देशो से गुजरते हुए 5 महीनो के लम्बे सफ़र के बाद आखिर कार स्वीडन की सीमा पर पहुचे लेकिन फिर सुरु होता है क्लाइमेक्स इमिग्रेसन विजा ना होने के कारण प्रदुम को बॉर्डर पे ही रोक दिया जाता है।
और प्रदुम को शादी का सर्टिफिकेट दिखाने के बाद भी स्वीडन के ऑफिसर उन्हें अन्दर नही जाने देते क्युकी उन्हें इस बात पर यकीं नही होता की साईकिल के जरिये कोई इन्सान भारत से वहा तक कैसे पहोच सकता है और ऐसे इन्सान की शादी स्वीडन की एक आमिर लड़की से कैसे हो सकती है।
शादी की तस्वीरो के देखने के बाद उन्होंने शेर्लोट से संपर्क किया और उन्होंने कन्फर्मेशन के बाद ही प्रदुम को सीमा में दाखिल होने की इजाजत दी गयी। अपने पति की स्वीडन जाने की बात सुनकर शेर्लोट खुद प्रदुम को गोदंभग बॉर्डर लेने आयी।
और फिर दोनों साल 1989 में स्वीडन के कानून के अनुसार फिर से शादी की और आज इनके शादी को 40 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। और इनके दो बच्चे भी है, समय समय पर प्रदुम आज भी उड़ीसा अपनी पत्नी के साथ आते है और अपने गाव वालो से मिलकर वापस जाते है।
संदीप महेश्वरी सर को कौन नहीं जानता लेकिन क्या आप उनकी love story जानते है अगर जानते है तो अच्छी बात है आप निचे दी हुई तीसरी कहानी पढ़ सकते है और अगर इनकी love story नही जानते तो इस कहानी पढ़िए आपको यह कहानी बेहद पसंद आएगी।
एक ऐसा लड़का जिसका सिर्फ एक ही दोस्त था और ये कहानी तब की है जब वो 9वी कक्षा में थे ये अपने आप को हमेशा कम समझते थे और ये बहोत ही इनसेक्योर थे लेकिन लड़ाई झगडा करने में बहोत तेज थे।
जैसे तैसे करके ये 10वी पास हुए तो इन्होने अपना स्कूल चेंज करने को सोचा और किसी दुसरे स्कूल में दाखिला कारने गए और जब वो काउंटर पर दाखिला कराने गए तब संदीप को एक लड़की देखती है।
और इनसे आकर्षित हो जाती है और सोचती है की इस लड़के का दाखिला हो जाये तो मज़ा आ जायेगा लेकिन संदीप को ये बात पता नही होती है की कोई लड़की उनसे आकर्षित हो रही है।
लेकिन जब संदीप दुसरे दिन स्कूल जाते है तो वो भी उस लड़की को देखते है जो लड़की उनको देख कर आकर्षित हुई थी, जब संदीप उस लड़की को देखते है तो उनके मन भी यही बात चलती है की काश ये लड़की मेरी gf बन जाये लेकिन संदीप अपने आपको हमेशा low फील करते है तो इसकी वजह से वो सोचते है जाने दो ये मेरी औकात से ऊपर है।
लेकिन लड़की जिनका नाम रूचि था वो संदीप से बात करने के लिए आती है फिर संदीप और रूचि में दोस्ती हो जाती है जो धीरे-धीरे प्यार में बदल जाता है और दोनों हमेशा साथ में पढ़ते और जब स्कूल से बंक मरना हो तो बंक मार के घुमने निकल जाते थे।
ऐसे करते हुए 1 साल गुजर गए संदीप 12वी कक्षा में चले गए फिर उनको पढ़ने का भूत चढ़ जाता है जिसके वजह से वो रूचि को टाइम नहीं दे पाते थे।
जिसकी वजह से इनके रिश्ते ख़राब होने लगे, रूचि संदीप से बोलती है की पढाई कर रहे हो ठीक है लेकिन ये तो नही की तुम बिलकुल ही मुझे इग्नोर करो लेकिन संदीप के मन हमेशा यही चलता था की नही मुझे पढना है तो बस पढना है।
संदीप ने खूब मेहनत से पढाई की लेकिन मजेदार बात ये है की जब रिजल्ट आया तो पता चला पुरे स्कूल में रूचि ने टॉप किया और संदीप का बस 85% आया था।
12वी पास करने के बाद संदीप की आर्थिक स्तिथि ख़राब होने के वजह से काम करना स्टार्ट कर दिया उन्होंने बहोत काम किये कुछ में फ़ैल हुए तो कुछ में पास और कुछ काम में पास होने के बावजूद उन्होंने वो काम छोड़ दिया क्युकी उनके मन में हमेशा चलता था की उन्हें कुछ ऐसा करना है।
जिसे करने के बाद पैसे भी कमाए जा सके और उस काम को करने में मजा भी आये फिर उन्होंने अपनी एक कंपनी खोली जिसका नाम images bazar था और वो इसमें सफलता भी पा लिए।
और जब उन्हें सफलता मिल गयी और वो आर्थिक रूप से स्थिर हो गए तब जाके संदीप रूचि से शादी कर लिए और आज के समय में उनके दो बच्चे भी है।
तो यही है हमारे संदीप महेश्वरी जी का success love story जिन्होंने अपने कैरिअर में सफलता पाए और अपने प्यार में भी, अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो निचे कमेंट करके जरुर बताइएगा हम आपके लिए ऐसी कहानियाँ लाते रहेंगे।
3.घुटरघू - cute couple romantic love story
सुबह होता है, सूर्य भगवान अपनी दिशा में उगते है, मंदिर की घंटिया बजती है और चिडियों की चहकने की आवाज सुनाई देती है तभी छत पे सोया एक लड़का उठकर अंगडाइया लेता है जिसका नाम प्रदीप होता है।
सुबह उठते ही प्रदीप छत पे इट के निचे से अपना छुपाया हुआ सिगरेट और लाइटर निकालता है और सिगरेट जला कर अपनी आँखे बंद करके एक सुट्टा मारता ही है की तभी उसके बाजु वाले छत पे एक कबूतर उड़कर आके बैठ जाता है।
कबूतर की फडफड की आवाज सुनकर प्रदीप डर जाता है की कही उसके घर वाले उसको सिगरेट पिटे हुए देख ना ले नही तो उसकी कुटाई हो जाएगी।
फिर वो इधर उधर देखने लगता है कोई है तो नही जो उसको सिगरेट पिटे हुए देख रहा हो देखते समय उसे एक कबूतर दिखाई देता है वो कबूतर को देख के मुस्कुराता है उसी समय उसके पड़ोस के छत पे एक कोई नयी लड़की दिखती है जो अपने रिश्तेदार के घर आई होती है और वो छत पे कपडे सुखाने के लिए आती है।
और प्रदीप उसे देखता है, वो इतनी सुन्दर होती है की प्रदीप उसे देखता ही रह जाता है देखते देखते उसकी सिगरेट जल कर ख़तम हो जाती है और उसके उंगलियों में सिगरेट की आग टच हो जाती है जिसके वजह से वो जल जाता है, उंगलिया जलने के बाद वो अपने उंगलियों को देखने लगता है।
फिर दोबारा वो उस लड़की की तरफ देखता है तो वो वहाँ नही होती है वहाँ से चली जाती है इसके बाद वो लड़का आसमान की तरफ देखता है और मन ही मन बोलता है हे भगवन आज सुबह सुबह किसके दर्शन करा दिए आप
दुसरे दिन लड़का फिर सुबह छत पर अपना camera लेके जाता है और अपने पडोसी के छत पे देखता है लेकिन लड़की वहाँ नही रहती है और उसी समय लड़की के पापा वहाँ आ जाते है और लड़का उन्हें देख कर छुप जाता है।
कुछ समय छुपने के पश्चात प्रदीप के ऊपर एक बॉडी गिरती है और वो बॉडी को उठा के देखने लगता है और फिर सामने देखता है तो वो लड़की अपने छत पे खड़ी हुई होती है।
फिर लड़की अपनी उंगलियों से चुटकी बजाती है और और प्रदीप से बोलती है, "ओ हेल्लो इधर लाके दो"
फिर प्रदीप बॉडी ले जाकर देता है और बोलता है,"इतना बड़ा" फिर लड़की बोलती है,"ये मेरा नही है कबूतर, पता नही कहाँ-कहाँ से आ जाते है ऐसे लोग" लड़की तो उसे गुस्से में ऐसे बोल के चली जाती है लेकिन प्रदीप को देखकर उसे हसी भी आ गयी होती है।
जब वो लड़की प्रदीप को देखती तो उसे हसी आ जाती ऐसे ही दो दिन गुजर जाते है और लड़की के मन में हमेशा प्रदीप का चित्र बनता है और वो बार बार प्रदीप के बारे में सोचती है।
और उस लड़की को प्रदीप से प्यार हो जाता है फिर लड़की प्रदीप से मिलना चाहती है लेकिन उस से डायरेक्ट बोल नही पाती, फिर लड़की ने एक पेपर में मिलने का टाइम लिखकर कबूतर के पैर में बाँध देती है और उस कबूतर को उड़ा देती है।
कबूतर प्रदीप के पास जेक बैठ जाता है और जब प्रदीप उस पेपर को खोलकर देखता है तो वो बहोत खुश हो जाता है और वही छत पे डांस करने लगता है।
कुछ घंटो बाद मिलने का टाइम हो जाता है फिर लड़की छत पे आती है और प्रदीप तो पहले से छत पे रहता है, दोनों मिलते है लेकिन एक दुसरे से बात नहीं करते है कभी लड़की प्रदीप को देख कर मुस्कुराती है तो कभी प्रदीप लडकी
को देख के मुस्कुराता है।
ऐसे करते करते 5 मिनट गुजर जाते है फिर लड़की प्रदीप को कुछ खाने के लिए देती है और प्रदीप उसे जैसे मुह में डालता है वो पागल हो जाता है और चिल्लाने लगता है क्युकी वो बहोत तीखी चीज़ खा लेता है।
फिर लड़की प्रदीप को बोलती है,"चुप रहो नही तो कोई आ जायेगा" और लड़का चुप हो जाता है लेकिन प्रदीप की आवाज सुनकर छत पे लड़की के पापा आ जाते है लेकिन उन दोनों को देख नही पाते क्युकी वो दोनों छिप जाते है।
जब छत पे कोई नही दीखता है तो लड़की के पापा वहाँ से चले जाते है, प्रदीप लड़की को देखता है और लड़की प्रदीप को देखती है दोनों ऐसे ही 5 मिनट एक दुसरे को देखते है फिर लड़का धीरे-धीरे लड़की की तरफ बढ़ता है और वो दोनों एक दुसरे के बहोत करीब हो जाते है।
उन दोनों की साँसे बढ़ने लगती, प्रदीप लड़की को किस करने वाला ही रहता है की लड़की उसे रोक लेती है और उसे कबूतर बोलकर चली जाती है।
दुसरे दिन फिर दोनों छत पे मिलते है और दोनों छत के दीवार पे बैठे रहते है, प्रदीप जितना लड़की के करीब जाता लड़की उतना ही प्रदीप से दूर जाके बैठ जाती, प्रदीप लड़की की तरफ देखता है और कुछ बोले उसके पहले ही लड़की दो कबूतरों की तरफ इशारा करके बोलती है,"जैसा वो दोनों करेंगे वैसे हम भी करेंगे"
तभी वहाँ से एक कबूतर उड़ जाता है और लड़की उसे देखकर वो भी वहाँ से भाग जाती है। अगले दिन फिर दोनों वही छत पे मिलते है।
दोनों कबूतर भी वही पे रहते है लड़की आके छत की दीवार पे बैठती है और दोनों बाते करते है बात करते करते प्रदीप लड़की के बिलकुल करीब जा के बैठ जाता है, लड़की उसके तरफ देखने लगती तो प्रदीप उन कबूतरों की तरफ इशारा करता है।
दोनों कबूतर भी एक दुसरे से चिपक के बैठे होते है फिर दोनों कबूतर एक दुसरे के चोच पे चोच टच करते है ये देख के प्रदीप ख़ुश हो जाता है फिर वो भी लड़की को किस करता है, किस करने के बाद लड़की गमले में से एक छोटा सा कंकड़ उठाती है और कबूतरों की तरफ फेकती है।
कबूतर उड़ता है लेकिन फिर लडखडा जाता है और फिर उसी जगह आके बैठ जाता है ये देख लड़की को डाउट होता है की कबूतर उड़ के फिर क्यों बैठ गया। तो फिर लड़की कबूतरों की तरफ जाती है और देखती है की दोनों कबूतरों को एक सफेद पतले रस्सी से एक दुसरे के पैर में बंधा होता है।
लड़की समझ जाती है की ऐसा प्रदीप ने किया है बस मेरे पास बैठने के लिए फिर वो प्रदीप की तरफ देखती है और गुस्से में चीटर बोल के चली जाती है।
4.फेसबुक का प्यार - heart touching sad love story
यह कहानी अनुज नाम के लड़के की है यह कहानी really में आपको रुला देगा ये कहानी आप अनुज की जुबानी सुनिए। निचे आपको प्ले बटन दिखेगा वहाँ क्लिक करके आप सुन सकते है।