[2022] 4 heart touching short love stories in hindi - रुला देने वाली कहानी

क्या आप दिल को छूने वाली प्यार भरी कहानियाँ खोज रहे है, तो आप सही वेबसाइट पर आये है क्युकी आज हम आपके लिए 8 heart touching short love stories हिंदी में लाये है जो आपको बहोत पसंद आयेंगी।

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1.दिव्या और राहुल का प्यार - heart touching love story

दिव्या और राहुल बहोत अच्छे दोस्त थे, ये दोनों फ़ोन पर बहोत ज्यादा बात करते थे और वे दोनों फ़ोन पर जब भी बात किया करते थे तो इन दोनों को ऐसा लगता था जैसे दुनिया में कुछ और है ही नही बस यही दोनों है।


और इन दोनों को फ़ोन पे बात करने पर बहोत खुशी मिलती थी, फ़ोन पे बात करते वक्त इन्हें कभी किसी भी बात का दुःख और टेंसन महसूस नही होता था जभी इनको अपने पढाई को लेके बहोत टेंसन थी लेकिन उस वक्त इन्हें बस ख़ुशी मिलती थी जब वो फोन पर बात करते थे।


एक दिन दिव्या ने राहुल को मैसेज किया लेकिन मैसेज का कोई जवाब नही मिला उसने फिर कोशिश की लेकिन इस बार भी रिप्लाई नही आया फिर दिव्या ने कॉल लगाया और कॉल का भी कोई जवाब नही मिला।


पूरा दिन गुजर गया लेकिन राहुल न तो रिप्लाई दिया न ही कॉल किया, दिव्या बहोत चिंतित होने लगी उसको लगा कही राहुल को कुछ हो तो नही गया।


उस रात दिव्या सो नहीं पायी सारी रात वह चिंता में डूबी रही और उसे एहसास हुआ की वास्तव में राहुल उसके लिए कितना मायने रखता है।


अगली सुबह दिव्या को एक फ़ोन आया। यह राहुल ही था दिव्या बहुत खुस हुई और उसने फ़ोन उठाया


राहुल - हेल्लो


दिव्या - तुमसे बात करके मै खुश हु लेकिन कल तुम न तो मेरे मैसेज का रिप्लाई दे रहे थे और न ही मेरा फोन उठाया क्यों क्या हुआ था?


राहुल - मै व्यस्त था


दिव्या लगा की राहुल कुछ छुपा रहा है क्युकी ऐसा कौन सा काम आ गया की एक मैसेज का रिप्लाई नही दे सके वह कुछ देर चुप रही फिर


राहुल - मै अब तुमसे बात नही कर सकता 


दिव्या - क्या क्यों?


राहुल - सॉरी बाय


इतना बोल कर राहुल कॉल काट देता है और दिव्या को इस बात पर विश्वास नही होता है की राहुल ने उसका कॉल काट दिया, उसको ऐसा लगता है जैसे उसने अपने शारीर से कोई इम्पोर्टेन्ट हिस्सा खो दिया हो।


वह पहले की गयी बातो को याद करके सोच रही थी की राहुल ऐसा क्यों कर रहा है वह पहले तो अच्छे से बात करता था लेकिन अब तो न ही मैसेज का रिप्लाई देता है और तो और कॉल भी कट कर रहा है आखिर हो क्या रहा है ये सब सोचकर दिव्या रोने लगती है।


उसके आँख से आंसू गिरने लगता है वह टूटी हुई उदास और अकेला महसूस करती है फिर दिव्या छत पे जाती है और चाट से कूदना चाहती है फिर वह छत पे जितना तेज चिल्ला सकती थी उतना तेज चिल्ला रही थी।


फिर वो फैसला करती है की वो राहुल को खोने नही देगी और उसे अपने जिन्दगी में वापस लेके आएगी, दिव्या राहुल को फ़ोन लगाती है।


राहुल - हेल्लो, तुमने कॉल क्यों किया?


दिव्या - मै तुमसे मिलना चाहती हु 


राहुल - ठीक है 


कुछ घंटो बाद वो दोनों एक दुसरे से मिलते है और फिर बात करते है।


राहुल - बोलो, तुमने क्यों बुलाया मुझे?


दिव्या - मुझे कुछ कहना है तुमसे 


राहुल -  बोलो, क्या बोलना चाहती हो


दिव्या - क्या तुम ठीक हो, तुम मुझसे बात क्यों नही कर रहे हो


इतना बोलकर दिव्या फिर रोने लगती है और उन दोनों में झगडे हो जाते है, दिव्या वहाँ से भाग जाती है फिर 6 घंटे बाद राहुल अपने कमरे में होता है और उसके फ़ोन पे कॉल आता है।


फ़ोन पे दिव्या की माँ होती है और राहुल से बोलती है की "दिव्या तुमसे मिलने जिस कार से गयी थी उस कार का एक्सीडेंट हो गया है" और दिव्या इस समय हॉस्पिटल में भारती है।


इतना सुनते ही दिव्या से मिलने के लिए राहुल घर से बाहर भागता है और जब वह हॉस्पिटल पहोचता है तो दिव्या का नाम लेके दिव्या को बुलाता है, दिव्या अपनी आंखे खोलती है फिर राहुल बोलता है -


राहुल - क्या तुम ठीक हो, मुझे बहोत अफ़सोस हो रहा है


दिव्या - तुमने ऐसा क्यों किया?


राहुल - मुझे दिल की बीमारी है और मेरे पास अब ज्यादा दिन नही है इस लिए मै तुमसे दूर होना चाहता था, मै नही चाहता की मेरे जाने के बाद तुम दुखी रहो बस यही वजह थी तुमसे दुरी बनाने की


इतना बोलते ही दिव्या की आँखे बंद हो जाती है और राहुल उसे पुकारता है पर दिव्या का कोई जवाब नही आता है क्युकी दिव्या की मृत्यु हो गयी होती है ये सब देख कर राहुल को विश्वाश नही होता है की ये सब उसकी वजह से हुआ है।


10 मिनट बाद राहुल को दिल का दौरा पड़ता है और वो दुःख से मर जाता है।


2.जन्म दिन मुबारक हो - cute heart touching short love story

दो प्रेमी जिनका नाम रमेश और भारती था, ये दोनों एक दुसरे से बहोत प्यार करते थे और ये दोनों एक दुसरे से शादी करने के लिए अपने घर वालो से भी बात करने वाले थे।


एक दिन रात को 12 बजे भारती रमेश को कॉल करती है -


भारती - happy birthday baby


रमेश - thanks dear


भारती - मै शाम को 7 बजे आपको wish करने आउंगी


रमेश - ठीक है जानेमन


इतना बात करने के बाद वो दोनों एक दुसरे को बाय बोलते है और कॉल कट कर देते है और दोनों सो जाते है।


अगली सुबह रमेश उठता है और ऑफिस जाता है, शाम के 5 बज गए होते है और रमेश ऑफिस से घर जाता है birthday की तयारी करता है फिर भारती का इन्तेजार करने लगता है। शाम के 7:30 बज गया लेकिन भारती का कोई पता नही चलता है।


रमेश भारती का इन्तेजार करता है और भारती नही आती है तो उसे कॉल लगता है लेकिन भारती phone नहीं उठती है तभी रमेश के फ़ोन पे उसके घर वालो का कॉल आता है और रमेश अपने घर वालो से बात करने में व्यस्त हो जाता है।


शाम के 8 बज गए अचानक से रमेश के घर के दरवाजे की घंटी बजती है और रमेश जाके जब दरवाजा खोलता है तो सामने भारती कड़ी रहती है।


भारती को देख के रमेश खुस हो जाता है और बोलता है -


रमेश - हाय बेबी तुम्हे देख कर ख़ुशी हुई, आने में इतना समय क्यों लग गया?


भारती राहुल को गले लगाती है और राहुल से बोलती है -


भारती - ट्रैफिक ज्यादा था इसलिए आने में देरी हुआ


फिर भारती ने राहुल का बर्थडे मनाया और दोनों को भूख लग गयी तो दोनों भोजन करने लगे भोजन करने के बाद राहुल के फोन पे एक कॉल आता है राहुल फोन रिसीव करता है और बोलता है - हेल्लो


उधर से जवाब आता है मै भारती का पिता बोल रहा हु


रमेश - हा अंकल जी बोलिए 


दिव्या के पापा कापते हुए आवाज में बोलते है -


अंकल जी - बेटा मुझे यह कहते हुए बहोत अफ़सोस हो रहा है की भारती अब इस दुनिया में नही रही


रमेश - क्या बकवाश कर रहे है अंकल भारती तो मेरे घर पे मेरे साथ है


अंकल जी - मै झूट क्यों बोलूँगा बेटा वो मेरी बेटी थी अगर वो जीवित होती तो मै ऐसा क्यों बोलता उसकी सच में मृत्यु हो गयी है।


इतना सुनते ही रमेश पीछे मुड़ता है और देखता है की दिव्या मुस्कुरा रही है रमेश डर जाता है उसे कुछ समझ नही आता है तब दिव्या बोलती है, "डरो मत मैंने तुमसे वादा किया है की मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी तो देखो मै तुम्हारे साथ हु और हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी" इतना बोलकर दिव्या गायब हो जाती है।


3.अंतिम सवारी - short love story in hindi

विजय अपनी प्रेमिका अनीता को कॉल करता है और बोलता है -


हे बेबी कहाँ हो तुम, तुमने मुझसे वादा किया था की तुम 7 बजे आ जाओगी अभी तक तुम्हारा पता नही चल रहा जल्दी आओ


अनीता - हाँ बाबा आ रही हु मै ट्राफीक में फस गयी थी 


कुछ समय बाद अनीता वहाँ पहोच जाती है जहा विजय ने उसे बुलाया होता है वो दोनों मिलते है और कुछ समय वहाँ बैठ कर बात करते है।


8 बज जाता है फिर विजय अनीता को अपनी बाइक पे बिठाकर डिनर कराने ले जाता है वो दोनों होटल में जाते है और डिनर करते है डिनर करने के बाद विजय अनीता को उसके घर छोड़ने जाता है।


रास्ते में विजय बाइक बहोत तेज चलाने लगता है अनीता डर जाती है और उस से बोलती है


अनीता - प्लीज धीरे चलाओ न मुझे डर लग रहा है


विजय - नहीं, मुझे तो मजा आ रहा है 


अनीता - प्लीज यार धीरे चलो मुझे सच में बहोत डर लग रहा है


विजय - पहले ये बताओ की तुम मुझसे कितना प्यार करती हो


अनीता - अपनी जान से ज्यादा प्यार करती हु i love you


विजय - i love you too baby


इतना बात करने के बाद विजय बोलता है की मेरा हेलमेट उतारो और तुम पहन लो मुझे थोडा प्रॉब्लम हो रही है 


अनीता विजय के सर से हेलमेट उतरती है और खुद पहन लेती है।


अगले दिन अखबार के पहले पन्ने पर -

एक बाइक पे दो प्रेमी एक इमारत से टकरा कर दुर्घटना ग्रस्त हो गए। यह ब्रेक फेल होने की वजह से हुआ था। इस दुर्घटना में लड़की बच गयी परन्तु लड़के के सर पे चोट लगने के कारण उसने दम तोड़ दिया।


विजय जब बाइक चला रहा था तब वो जान गया था की ब्रेक नही लग रहा है इस लिए उसने हेलमेट अपनी प्रेमिका को पहनने के लिए बोला।


4.गरीब लड़के का सच्चा प्यार - school love story

निलेश नाम का लड़का बहोत ही गरीब था वह अपनी पढाई खुद मजदूरी करके करता था उसको school के सारे बचे बहोत चिढाते थे।


लेकिन निलेश को कोई फर्क नही पड़ता था उसको पता था की मेरे पास और कोई आप्शन नही है मुझे अगर पढ़ना है तो मजदूरी करनी पड़ेगी और अगर मै मजदूरी नही करूँगा तो पढ़ भी नही पाउँगा जिसकी वजह से मई मजदूर बनके ही रह जाऊंगा।


वह 10वी कक्षा में पढ़ता था और उसी कक्षा में एक नेहा नाम की लड़की भी पढ़ती थी जिसे निलेश बहोत प्यार करता था लेकिन उसने अपने प्यार का इज़हार कभी नही किया क्युकी वो जानता था अगर मै उससे अपने प्यार का इज़हार करूँगा तो मना कर देगी क्युकी मै गरीब हूँ और मजदूरी करता हु।


10 साल बाद -

निलेश अपनी मेहनत के दम पर एक बिज़नेस मैन बन गया और उसकी डिजिटल मार्केटिंग की कंपनी थी हर रोज़ की तरह निलेश अपनी कंपनी में जाता है जैसे ही कंपनी में कदम रखता है उसको नेहा दिखाई देती है।


फिर वो नेहा के पास जाता है और बोलता है -


अरे!! नेहा तुम यहाँ


नेहा उसे नही पहचानती है वह उठ कर कड़ी हो जाती है और बोलती है


सर, आप मुझे जानते है लेकिन मई तो आपको नही पहचान रही हूँ


निलेश - अरे!! मै निलेश तुम्हारे साथ पढता था इतनी जल्दी भूल गयी


नेहा - अच्छा हाँ याद आया 


निलेश - यहाँ कैसे आना हुआ


नेहा - मुझे job की जरुरत है मई job करने आई हु यहाँ


निलेश - अच्छा, तुम्हारी शादी हुई की नहीं


नेहा की आँखों में आंसू आ जाते है और वो रोते हुए बोलती है -


नेहा - मेरा शादी हो गयी है और अभी एक महीने पहले मेरे पति की मृतु हो गयी है इस लिए घर खर्चा चलने के लिए मै job करना चाहती हूँ


यह सुनकर निलेश के आँखों में आंसू आ गए क्युकी उसको अपनी गरीबी याद आ गयी और वो नेहा से प्यार भी करता था तो उसने फैसला लिया और बोला -


निलेश - मै तुमसे शादी करना चाहता हु क्युकी मै तुमसे पहले भी प्यार करता था और अब भी करता हु और इसलिए मै तुमको इस हालत में नही देख सकता।


नेहा हा बोल देती है फिर वो दोनों 1 हफ्ते बाद सदी कर लेते है और अपना जीवन खुशी-खुशी बिताते है।


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3 best Real life love stories in hindi

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3 best heart touching real couple romantic love stories

1.लैला मजनू की प्रेम कहानी - real love story

यह कहानी उस समय की है जब प्यार मोहब्बत को गुनाह माना जाता था, अरब पति शाह आमारी के बेटे कैश जिसे आगे जाकर मजनू कहाँ गया बचपन में ही ज्योतिषों ने भविष्यवाणी की थी की कैश दीवाना होकर दर दर भटकता फिरेगा।

ज्योतिषों की भविष्यवाणी को झुटलाने के लिए शाह आमारी ने खूब मन्नते की, की उनका बेटा इस प्रेम रोग से दूर रहे लेकिन कुदरत को यह मंजूर नही था। दमिश्क के मदरसे में जब उसने नाज्द के शाह की बेटी लैला को देखा तो पहली नजर में ही कैश उसका आशिक हो गया।

मौलवी जी ने कैश को बहोत समझया की वो लैला को भूल जाए और अपना पूरा ध्यान पढाई पे केन्द्रित करे लेकिन दिवानो को ऐसी बाते समझ कहाँ आती है, कैश के प्रेम का असर लैला पे भी हुआ और दोनों प्यार की गहराई में डूबते चले गए।

यह सब देखते हुए लैला को घर में कैद कर दिया गया और कैश लैला से न मिल पाने के कारण पागलो की तरह दर दर भटकने लगा उसकी ये पागलो जैसी दीवानगी देखकर लोगो ने उसका नाम मजनू रख दिया।

इसके बाद लैला की शादी किसी बख्त नाम के व्यक्ति से करा दी गयी लेकिन लैला ने बख्त से बता दिया की ओ मजनू से प्रेम करती है और मजनू के आलावा उसे और कोई नही छू सकता फिर बख्त ने लैला से तलाख ले लिया।

लैला मजनू को ढूढती है और ढूढते-ढूढते जंगलो में जा पहोचती है वहाँ उसको मजनू मिल जाता है दोनों एक दुसरे को देख कर गले लग जाते है तभी लैला की माँ आ जाती है और उन दोनों को अलग कर लैला को घर ले जाती है।

इस गम में लैला की म्रत्यु हो जाती है और यह खबर सुनते ही मजनू ने भी अपना दम तोड़ दिया और दोनों को एक ही जगह दफनाया गया, हर साल 15 जून को लैला मजनू की माजर पर दो दिन का मेला लगता है।

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जिसमे बड़ी संख्या में हिंदुस्तान और पाकिस्तान के विवाहित और अविवाहित प्रेमी जोड़े आते है और अपने प्रेम को सफल बनाने की कामना करते है।

समय की गति ने लैला मजनू की कब्र को नष्ट कर दिया है लेकिन लैला मजनू का प्रेम आज भी जिन्दा है और जब तक ये दुनिया है तब तक जिन्दा रहेगा।

2.स्टीवर्ट और क्रिसी की रियल लव स्टोरी

यह love story ब्रिटिश के स्टीवर्ट और क्रिसी की है।

स्टीवर्ट मॉल में शोपिंग करने जाता है और उसे वहाँ एक लड़की दिखाई देती है जिसका नाम क्रिसी होता है स्टीवर्ट को पहली नजर में ही क्रिस से प्यार हो जाता है और स्टीवर्ट क्रिस से बात करने जाता है दोनों एक दुसरे से बात करते है और दोनों में दोस्ती हो जाती है।

दोनों की दोस्ती प्यार में तब्दील होने में 3 महीने लग जाते है 3 महीने बाद वो दोनों एक अच्छे gf, bf बन जाते है 6 महीने बाद वो दोनों एक साथ कही जा रहे होते है तभी उनका एक्सीडेंट हो जाता है।

उस एक्सीडेंट में क्रिस को कुछ नही होता है लेकिन स्टीवर्ट बेहोश हो जाता है फिर क्रिस उसे हॉस्पिटल ले जाती है और उसके घर वालो को ए बात बताती है, जब उसके घर वाले हॉस्पिटल पहोचते है तो उन्हें पता चलता है की स्टीवर्ट कोमा में चला गया है।

ये बात सुनकर स्टीवर्ट के माता पिता और उसकी गर्लफ्रेंड बहोत दुखी होते है उन्हें कुछ समझ नहीं आता है वो डॉक्टर से पूछते है स्टीवर्ट कब तक होश में आ जायेगा।

डॉक्टर उन्हें जवाब देता है की,"कुछ कहा नही जा सकता होश कभी भी आ सकता है और शायद कभी नही" ये सुनकर क्रिस रोने लगती है।

10 दिन बाद स्टीवर्ट को होश आता है परन्तु वो सबको पहचानने से इंकार कर देता है उसके घर वाले उसे उसका बर्थ सर्टिफिकेट दिखा के उसको याद दिलाते है की वो उनका बेटा है और वो इनके माँ बाप लेकिन स्टीवर्ट फिर भी नहीं याद आता है।

फिर क्रिस को बुलाया जाता है स्टीवर्ट क्रिस को देख के बोलता है मै तुम्हे सही से पहचान नहीं पा रहा हु लेकिन मै तुमसे प्यार करता हु इतना मुझे पता है।

हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने के बाद क्रिस, स्टीवर्ट और उनके परिवार के साथ रहने लगी। स्टीवर्ट को पूरी तरह से सही होने में 4 साल लग गए और उसके सही होते ही 2013 में दोनों ने शादी कर ली अब ये दोनों अपना जीवन खुसी से बिता है रहे है।

स्टीवर्ट और क्रिसी की रियल love story

इन दोनों की कहानी किसी फ़िल्मी कहानी सी लगती है लेकिन हर कपल को यह कहानी प्यार पे यकीन दिलाती है की सच्चे प्यार का नाता चेहरे और किसी तरह की पहचान से नही दिल से होती है और true love सिर्फ फिल्मो में नहीं हकीकत में भी होता है।

जोर्ज और डोरोथी का रियल लव स्टोरी

यह कहानी इंग्लैंड के रहने वाले जोर्ज और डोरोथी का है जिन्होंने अपने जीवन में 68 साल एक दुसरे के साथ बिताये थे इनकी प्यार की कहानी अदभुत है जो आपको बहोत पसंद आएगी तो चलिए कहानी को शुरू करते है।

डोरोथी के पहले पति का देहांत दुसरे विश्व युद्ध में हो गया था तो जोर्ज ने डोरोथी को एक पत्र में अपनी सांत्वना लिखी और भेज दिया फिर कुछ महीनो बाद जोर्ज और डोरोथी मिलते है।

उन दोनों में कुछ बाते होती है और फिर दोनों एक दुसरे के दोस्त बन जाते है। यही से उन दोनों की love story शुरू हो जाती है फिर वो दोनों रोज मिलते है, जोर्ज डोरोथी का बहोत ख्याल रखता है जिसकी वजह से डोरोथी को जोर्ज से प्यार हो जाता है।

और धीरे-धीरे जोर्ज को भी डोरोथी के प्रति फीलिंग चेंज होने लगती है और उन दोनों को प्यार हो जाता है प्यार होने के बाद जोर्ज डोरोथी को डेटिंग पे ले जाता है और दोनों एक दुसरे का हाथ पकड़ कर प्यार भरी बाते करते है।

कुछ दिन डेटिंग करने के बाद दोनों विवाह करने का निर्णय लेते है और दोनों शादी कर लेते है फिर 1997 में ये दोनों अपनी शादी की पचासवी सालगिरह एक बड़ी सी गार्डन में मानते है।

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अब इस समय इन दोनों के दो बेटे है और इनके भी 5 बच्चे हो गए है।

जोर्ज की उम्र 92 है और डोरोथी की उम्र 91 इस उम्र में जोर्ज को चेस्ट इन्फेक्शन हो जाता है जिसके वजह से जोर्ज ICU में भर्ती हो जाते है और इसके कुछ ही दिन बाद डोरोथी भी बीमार हो जाती है और दोनों की एक साथ एक ही दिन मृत्यु हो जाती है।

ये दोनों जब तक जिन्दा थे एक दुसरे का साथ निभाया और मरने के बाद भी एक दुसरे से अलग नही हुए दोनों एक ही दिन मर गए और अभी भी दोनों एक दुसरे के साथ है कहते है ना सच्चा प्यार करने वाले को कोई कभी अलग नही कर सकता यह बात सत्य है।

इन दोनों की कहानी जो भी सुनता है उसकी आँख से आसू आ जाते है आपको इन तिन कहानी में से सबसे ज्यादा अच्छी कौन सी लगी कमेंट करके जरुर बताये।

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क्या आप गूगल पे प्यार की कहानियाँ ढूंढ़ रहे है। और ढूंढ़ते-ढूंढ़ते इस वेबसाइट पे आये है तो आप सही जगह पे है क्युकी इस पोस्ट में आपको 4 Love stories हिंदी में मिलेगा जिसमे तिन real love stories है और सबसे लास्ट वाली कहानी आपको पक्का रुला देगी मुझे उम्मीद है इस वेबसाइट पे लिखी हुई कहानियाँ आपको जरुर पसंद आएगी।

1.भारत से स्वीडन - A real life love stories

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यह कहानी प्रदुम कुमार महानन्दिया का है जिनका जन्म उड़ीसा के एक बुनकर दलित परिवार में सन 1949 में हुआ था। जैसा की हम जानते है भारत में दलितों को लेकर स्तिथि अभी तक पूरी तरह से सुधर नही पायी है मगर उस समय तो मानो जैसे ये कोई गलती जैसा था। बचप्पन से ही प्रदुम् को कई तरह की यातनाये और उत्पीड़न झेलने पड़े थे।

उन्हें स्कूल में बाकी बच्चो से अलग बिठाया जाता इतना ही नही बल्कि समाज के ही कुछ सरारती बच्चे उनके घर पर पत्थर फेका करते थे।

लेकिन कभी भी इन प्रस्तिथियो को प्रदुम ने अपने ऊपर हाबी नही होने दिया नयी-नयी चीजे सिखने और कुछ कर दिखाने का जज्बा उनके अन्दर हमेसा से ही था। कहते है बचपन से ही प्रदुमन को आर्ट में काफी दिलचस्पी थी।

और प्रदुम ललित कला की पढाई करना चाहते थे मगर पैसो की कमी उनकी रास्ते की रूकावट बन गयी जिसके चलते अच्छे कॉलेज में सिलेक्शन होने के बावजूद वो एड्मिसन नही ले पाए लेकिन कहा जाता है ना किसी चीज को सिद्दत से चाहो तो वो ज्यादा समय तक आपसे दूर नही रह पाती

प्रदुम की काबिलियत को देखते हुए उड़ीशा सरकार ने उनकी मदत के लिए आगे आई और 1971 में उन्हें दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स में पढाई करने का मौका मिला लेकिन प्रदुम की कहानी इतनी शिधि कैसे हो सकती है।

दिल्ली जाकर भी उनकी दिक्कते ख़त्म नही हुई कॉलेज में एड्मिसन तो मिल गया मगर रहने के लिए घर नही था ऐसे में उनको फूटपात पर सोना पड़ता और पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता लेकिन हर कदम पर उनकी कला उनके साथ थी।

कॉलेज के बाद वो शाम को दिल्ली कनौट प्लेस पर लोगो के पोट्रेट बनाया करते जिससे उन्हें कुछ पैसे मिल जाया करते थे रोज़ की तरह एक दिन कनौट प्लेस पे बैठे हुए थे।

तो उनके सामने एक कार आके रुकी जिसकी पिछली सिट पर एक विदेशी महिला बैठी हुई थी उन्होंने प्रदुम को उनका पोट्रेट बनाने को बोला बिना कुछ पूछे प्रदुम ने उन्हें जल्दी से पोट्रेट बना के दे दिया उस पोट्रेट को देख विदेशी महिला इम्प्रेस हो गयी और प्रदुम को मिलने आने के लिए कहा

अगले दिन प्रदुम उस महिला से मिलने पहुचे और उन्हें पता चला की वो महिला कोई और नही बल्कि रूस की वेलेंटिना टेरेशकोया थी जो की दुनिया की पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री है।

पोपुलेर्टी की तरफ तो प्रदुम का ये पहला कदम था। एक दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के सच्चेव महानन्दिया के पास आये और उनसे इंदिरा जी का पोट्रेट बनाने को कहा, प्रदुम के बनाये पोट्रेट को देख सभी इतना खुश हुए की उसके बाद से दिल्ली सरकार का रवैया उनके प्रति बदल गया।

तब तक प्रदुम काफी मुस्किल हालातो से गुजर रहे थे मगर फिर सरकार ने उन्हें कुछ जरुरी सुविधाए मुहया करने का फैसला लिया उन्हें देर रात काम करने के लिए बन्दों बस किया गया इसके बाद से प्रदुम दिन रात एक करके मेहनत करने लगे

मगर शायद उन्हें भी इस बात का अंदाजा नही था की कनौट प्लेस के एक कोने में बैठे-बैठे उनकी जिन्दगी बदलने वाली है ये किस्सा साल 1975 का है जब शेर्लोट वोन स्वेडविन स्वीडिश स्टूडेंट मशहुर हिप्पी ट्रेल को फॉलो करते हुए 22 दिन के टूर पर इंडिया आई थी जब वो कनौट प्लेस घुमने के लिए गए।

और उसने प्रदुम को देखा और अपना पोट्रेट बनाने को कहा फिर वही हुआ जिसे हम सभी लोग कहते है लव ऐट फर्स्ट साइड, शेर्लोट को देख प्रदुम इतना नर्वस हो गए की शेर्लोट का पोट्रेट बना ही नही पाए और उन्हें कल फिर से आने के लिए कहा अगले दिन प्रदुम ने शेर्लोट को उनका पोट्रेट बना कर दे दिया।

लेकिन इसके बाद भी शेर्लोट प्रदुम से लगातार मिलने आती रही और दोनों के बिच गहरी दोस्ती और एक अच्छा कनेक्शन बन गया।

दोस्तों किसी भी लव स्टोरी में दो प्यार करने वाले कभी न कभी मिलेंगे ये तो तय होता है मगर वो दिन कौन होगा ये किसी को नही पता होता है। प्रदुम का केश थोडा अलग था दरसल उनके पिता प्रोफेसन से पोस्ट मास्टर होने के साथ-साथ ज्योतिष की भी काफी अच्छी समझ रखते थे।

उन्होंने पहले ही ये बता दिया था की प्रदुम की शादी दुसरे देश की किसी वृषभ राशी वाली एक म्युजिसियन लड़की से होगी जो एक जंगल की मालकिन भी होगी शेर्लोट से मिलने के बाद प्रदुम अपने पिता की भविष्यवाणी याद आई और मजे की बात तो ये है की जब उन्होंने ये बात शेर्लोट से बताई तो उन्होंने कहा हा मै एक म्युजिसियन हु और मेरा जोडिएक साइन भी वृषभ है और तो और शेर्लोट सच में एक बड़े जंगल की मालकिन भी थी।

ये बात करने के बाद प्रदुम को यकीं हो गया की यही वो लड़की है जिसके साथ उनकी शादी होने वाली है। धीरे-धीरे दोनों में प्यार बढ़ता गया और फिर उन्होंने ट्रेवल रीती रिवाजो से शादी कर ली दो तिन हफ्तों के बाद शेर्लोट की विजा ख़त्म होने का दिन आ गया।

फिर उन्हें स्वीडन वापस लौटना पड़ा दूसरी तरफ प्रदुम ने यही रूककर अपने काम को आगे बढ़ाने का फैसला किया और करीब 1 साल 6 महीने अपनी पत्नी से दूर रहे इस दौरान दोनों लेटर्स के जरिये बात किया करते थे।

और आखिरकार साल 1977 में शेर्लोट से मिलने स्वीडन जाने का फैसला किया मगर उनके पास इतने पैसे नही थे की वे हवाई जहाज का टिकेट खरीद पाते ऐसे में उन्होंने अपने पास मौजूद सारा सामान बेच दिया जिससे उन्हें 1200 रूपये मिले।

और फिर होती है हमारे कहानी की हीरो की एंट्री उन्ही 1200 रूपये में से 80 रूपये खर्च कर प्रदुम ने पुरानी साईकिल खरीद ली और पैडल मारते हुए अपने 6000 किलोमीटर से भी ज्यादा लम्बे सफ़र पर निकल पड़े जी हा आपने बिलकुल सही पढ़ा प्रदुम भारत से यूरोप करीब 6000 किलोमीटर का सफ़र साइकल पर तय करने वाले थे।

अपने प्यार से मिलने की राह में उन्हें तरह तरह की मुश्किले झेलनी पड़ी, रास्ते में वो कुछ लोगो की स्केच बनाते और उसके बदले उनसे खाना और एक रात उनके घर में रुकने की मदत मांग लिया करते कई राते तो प्रदुम अपने स्लीपिंग बैग में खुले आसमान के निचे बिताने पड़े।

फिर कुछ रुपयों और कुछ अच्छे लोगो की मदत से प्रदुम ईरान, तुर्की, आफ्गानिस्तान, बुल्गारिया, जर्मनी और ऑस्ट्रिलिया जैसे देशो से गुजरते हुए 5 महीनो के लम्बे सफ़र के बाद आखिर कार स्वीडन की सीमा पर पहुचे लेकिन फिर सुरु होता है क्लाइमेक्स इमिग्रेसन विजा ना होने के कारण प्रदुम को बॉर्डर पे ही रोक दिया जाता है।

और प्रदुम को शादी का सर्टिफिकेट दिखाने के बाद भी स्वीडन के ऑफिसर उन्हें अन्दर नही जाने देते क्युकी उन्हें इस बात पर यकीं नही होता की साईकिल के जरिये कोई इन्सान भारत से वहा तक कैसे पहोच सकता है और ऐसे इन्सान की शादी स्वीडन की एक आमिर लड़की से कैसे हो सकती है।

शादी की तस्वीरो के देखने के बाद उन्होंने शेर्लोट से संपर्क किया और उन्होंने कन्फर्मेशन के बाद ही प्रदुम को सीमा में दाखिल होने की इजाजत दी गयी। अपने पति की स्वीडन जाने की बात सुनकर शेर्लोट खुद प्रदुम को गोदंभग बॉर्डर लेने आयी।

और फिर दोनों साल 1989 में स्वीडन के कानून के अनुसार फिर से शादी की और आज इनके शादी को 40 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। और इनके दो बच्चे भी है, समय समय पर प्रदुम आज भी उड़ीसा अपनी पत्नी के साथ आते है और अपने गाव वालो से मिलकर वापस जाते है।

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2.संदीप महेश्वरी की success love story

sandeep maheshwari love story in hindi

संदीप महेश्वरी सर को कौन नहीं जानता लेकिन क्या आप उनकी love story जानते है अगर जानते है तो अच्छी बात है आप निचे दी हुई तीसरी कहानी पढ़ सकते है और अगर इनकी love story नही जानते तो इस कहानी पढ़िए आपको यह कहानी बेहद पसंद आएगी।

एक ऐसा लड़का जिसका सिर्फ एक ही दोस्त था और ये कहानी तब की है जब वो 9वी कक्षा में थे ये अपने आप को हमेशा कम समझते थे और ये बहोत ही इनसेक्योर थे लेकिन लड़ाई झगडा करने में बहोत तेज थे।

जैसे तैसे करके ये 10वी पास हुए तो इन्होने अपना स्कूल चेंज करने को सोचा और किसी दुसरे स्कूल में दाखिला कारने गए और जब वो काउंटर पर दाखिला कराने गए तब संदीप को एक लड़की देखती है।

और इनसे आकर्षित हो जाती है और सोचती है की इस लड़के का दाखिला हो जाये तो मज़ा आ जायेगा लेकिन संदीप को ये बात पता नही होती है की कोई लड़की उनसे आकर्षित हो रही है।

लेकिन जब संदीप दुसरे दिन स्कूल जाते है तो वो भी उस लड़की को देखते है जो लड़की उनको देख कर आकर्षित हुई थी, जब संदीप उस लड़की को देखते है तो उनके मन भी यही बात चलती है की काश ये लड़की मेरी gf बन जाये लेकिन संदीप अपने आपको हमेशा low फील करते है तो इसकी वजह से वो सोचते है जाने दो ये मेरी औकात से ऊपर है।

लेकिन लड़की जिनका नाम रूचि था वो संदीप से बात करने के लिए आती है फिर संदीप और रूचि में दोस्ती हो जाती है जो धीरे-धीरे प्यार में बदल जाता है और दोनों हमेशा साथ में पढ़ते और जब स्कूल से बंक मरना हो तो बंक मार के घुमने निकल जाते थे।

ऐसे करते हुए 1 साल गुजर गए संदीप 12वी कक्षा में चले गए फिर उनको पढ़ने का भूत चढ़ जाता है जिसके वजह से वो रूचि को टाइम नहीं दे पाते थे।

जिसकी वजह से इनके रिश्ते ख़राब होने लगे, रूचि संदीप से बोलती है की पढाई कर रहे हो ठीक है लेकिन ये तो नही की तुम बिलकुल ही मुझे इग्नोर करो लेकिन संदीप के मन हमेशा यही चलता था की नही मुझे पढना है तो बस पढना है।

संदीप ने खूब मेहनत से पढाई की लेकिन मजेदार बात ये है की जब रिजल्ट आया तो पता चला पुरे स्कूल में रूचि ने टॉप किया और संदीप का बस 85% आया था।

12वी पास करने के बाद संदीप की आर्थिक स्तिथि ख़राब होने के वजह से काम करना स्टार्ट कर दिया उन्होंने बहोत काम किये कुछ में फ़ैल हुए तो कुछ में पास और कुछ काम में पास होने के बावजूद उन्होंने वो काम छोड़ दिया क्युकी उनके मन में हमेशा चलता था की उन्हें कुछ ऐसा करना है।

जिसे करने के बाद पैसे भी कमाए जा सके और उस काम को करने में मजा भी आये फिर उन्होंने अपनी एक कंपनी खोली जिसका नाम images bazar था और वो इसमें सफलता भी पा लिए।

और जब उन्हें सफलता मिल गयी और वो आर्थिक रूप से स्थिर हो गए तब जाके संदीप रूचि से शादी कर लिए और आज के समय में उनके दो बच्चे भी है।

तो यही है हमारे संदीप महेश्वरी जी का success love story जिन्होंने अपने कैरिअर में सफलता पाए और अपने प्यार में भी, अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो निचे कमेंट करके जरुर बताइएगा हम आपके लिए ऐसी कहानियाँ लाते रहेंगे।

3.घुटरघू - cute couple romantic love story

ghuturghu romantic love story

सुबह होता है, सूर्य भगवान अपनी दिशा में उगते है, मंदिर की घंटिया बजती है और चिडियों की चहकने की आवाज सुनाई देती है तभी छत पे सोया एक लड़का उठकर अंगडाइया लेता है जिसका नाम प्रदीप होता है।

सुबह उठते ही प्रदीप छत पे इट के निचे से अपना छुपाया हुआ सिगरेट और लाइटर निकालता है और सिगरेट जला कर अपनी आँखे बंद करके एक सुट्टा मारता ही है की तभी उसके बाजु वाले छत पे एक कबूतर उड़कर आके बैठ जाता है।

कबूतर की फडफड की आवाज सुनकर प्रदीप डर जाता है की कही उसके घर वाले उसको सिगरेट पिटे हुए देख ना ले नही तो उसकी कुटाई हो जाएगी।

फिर वो इधर उधर देखने लगता है कोई है तो नही जो उसको सिगरेट पिटे हुए देख रहा हो देखते समय उसे एक कबूतर दिखाई देता है वो कबूतर को देख के मुस्कुराता है उसी समय उसके पड़ोस के छत पे एक कोई नयी लड़की  दिखती है जो अपने रिश्तेदार के घर आई होती है और वो छत पे कपडे सुखाने के लिए आती है।

और प्रदीप उसे देखता है, वो इतनी सुन्दर होती है की प्रदीप उसे देखता ही रह जाता है देखते देखते उसकी सिगरेट जल कर ख़तम हो जाती है और उसके उंगलियों में सिगरेट की आग टच हो जाती है जिसके वजह से वो जल जाता है, उंगलिया जलने के बाद वो अपने उंगलियों को देखने लगता है।

फिर दोबारा वो उस लड़की की तरफ देखता है तो वो वहाँ नही होती है वहाँ से चली जाती है इसके बाद वो लड़का आसमान की तरफ देखता है और मन ही मन बोलता है हे भगवन आज सुबह सुबह किसके दर्शन करा दिए आप

दुसरे दिन लड़का फिर सुबह छत पर अपना camera लेके जाता है और अपने पडोसी के छत पे देखता है लेकिन लड़की वहाँ नही रहती है और उसी समय लड़की के पापा वहाँ आ जाते है और लड़का उन्हें देख कर छुप जाता है।

कुछ समय छुपने के पश्चात प्रदीप के ऊपर एक बॉडी गिरती है और वो बॉडी को उठा के देखने लगता है और फिर सामने देखता है तो वो लड़की अपने छत पे खड़ी हुई होती है।

फिर लड़की अपनी उंगलियों से चुटकी बजाती है और और प्रदीप से बोलती है, "ओ हेल्लो इधर लाके दो"

फिर प्रदीप बॉडी ले जाकर देता है और बोलता है,"इतना बड़ा" फिर लड़की बोलती है,"ये मेरा नही है कबूतर, पता नही कहाँ-कहाँ से आ जाते है ऐसे लोग" लड़की तो उसे गुस्से में ऐसे बोल के चली जाती है लेकिन प्रदीप को देखकर उसे हसी भी आ गयी होती है।

जब वो लड़की प्रदीप को देखती तो उसे हसी आ जाती ऐसे ही दो दिन गुजर जाते है और लड़की के मन में हमेशा प्रदीप का चित्र बनता है और वो बार बार प्रदीप के बारे में सोचती है।

और उस लड़की को प्रदीप से प्यार हो जाता है फिर लड़की प्रदीप से मिलना चाहती है लेकिन उस से डायरेक्ट बोल नही पाती, फिर लड़की ने एक पेपर में मिलने का टाइम लिखकर कबूतर के पैर में बाँध देती है और उस कबूतर को उड़ा देती है।

कबूतर प्रदीप के पास जेक बैठ जाता है और जब प्रदीप उस पेपर को खोलकर देखता है तो वो बहोत खुश हो जाता है और वही छत पे डांस करने लगता है।

कुछ घंटो बाद मिलने का टाइम हो जाता है फिर लड़की छत पे आती है और प्रदीप तो पहले से छत पे रहता है, दोनों मिलते है लेकिन एक दुसरे से बात नहीं करते है कभी लड़की प्रदीप को देख कर मुस्कुराती है तो कभी प्रदीप लडकी
को देख के मुस्कुराता है।

ऐसे करते करते 5 मिनट गुजर जाते है फिर लड़की प्रदीप को कुछ खाने के लिए देती है और प्रदीप उसे जैसे मुह में डालता है वो पागल हो जाता है और चिल्लाने लगता है क्युकी वो बहोत तीखी चीज़ खा लेता है।

फिर लड़की प्रदीप को बोलती है,"चुप रहो नही तो कोई आ जायेगा" और लड़का चुप हो जाता है लेकिन प्रदीप की आवाज सुनकर छत पे लड़की के पापा आ जाते है लेकिन उन दोनों को देख नही पाते क्युकी वो दोनों छिप जाते है।

जब छत पे कोई नही दीखता है तो लड़की के पापा वहाँ से चले जाते है, प्रदीप लड़की को देखता है और लड़की प्रदीप को देखती है दोनों ऐसे ही 5 मिनट एक दुसरे को देखते है फिर लड़का धीरे-धीरे लड़की की तरफ बढ़ता है और वो दोनों एक दुसरे के बहोत करीब हो जाते है।

उन दोनों की साँसे बढ़ने लगती, प्रदीप लड़की को किस करने वाला ही रहता है की लड़की उसे रोक लेती है और उसे कबूतर बोलकर चली जाती है।

दुसरे दिन फिर दोनों छत पे मिलते है और दोनों छत के दीवार पे बैठे रहते है, प्रदीप जितना लड़की के करीब जाता लड़की उतना ही प्रदीप से दूर जाके बैठ जाती, प्रदीप लड़की की तरफ देखता है और कुछ बोले उसके पहले ही लड़की दो कबूतरों की तरफ इशारा करके बोलती है,"जैसा वो दोनों करेंगे वैसे हम भी करेंगे"

तभी वहाँ से एक कबूतर उड़ जाता है और लड़की उसे देखकर वो भी वहाँ से भाग जाती है। अगले दिन फिर दोनों वही छत पे मिलते है।

दोनों कबूतर भी वही पे रहते है लड़की आके छत की दीवार पे बैठती है और दोनों बाते करते है बात करते करते प्रदीप लड़की के बिलकुल करीब जा के बैठ जाता है, लड़की उसके तरफ देखने लगती तो प्रदीप उन कबूतरों की तरफ इशारा करता है।

दोनों कबूतर भी एक दुसरे से चिपक के बैठे होते है फिर दोनों कबूतर एक दुसरे के चोच पे चोच टच करते है ये देख के प्रदीप ख़ुश हो जाता है फिर वो भी लड़की को किस करता है, किस करने के बाद लड़की गमले में से एक छोटा सा कंकड़ उठाती है और कबूतरों की तरफ फेकती है।

कबूतर उड़ता है लेकिन फिर लडखडा जाता है और फिर उसी जगह आके बैठ जाता है ये देख लड़की को डाउट होता है की कबूतर उड़ के फिर क्यों बैठ गया। तो फिर लड़की कबूतरों की तरफ जाती है और देखती है की दोनों कबूतरों को एक सफेद पतले रस्सी से एक दुसरे के पैर में बंधा होता है।

लड़की समझ जाती है की ऐसा प्रदीप ने किया है बस मेरे पास बैठने के लिए फिर वो प्रदीप की तरफ देखती है और गुस्से में चीटर बोल के चली जाती है।

4.फेसबुक का प्यार - heart touching sad love story

यह कहानी अनुज नाम के लड़के की है यह कहानी really में आपको रुला देगा ये कहानी आप अनुज की जुबानी सुनिए। निचे आपको प्ले बटन दिखेगा वहाँ क्लिक करके आप सुन सकते है।



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