[TOP] 4 Best Love stories in hindi | real life love story

love stories in hindi

क्या आप गूगल पे प्यार की कहानियाँ ढूंढ़ रहे है। और ढूंढ़ते-ढूंढ़ते इस वेबसाइट पे आये है तो आप सही जगह पे है क्युकी इस पोस्ट में आपको 4 Love stories हिंदी में मिलेगा जिसमे तिन real love stories है और सबसे लास्ट वाली कहानी आपको पक्का रुला देगी मुझे उम्मीद है इस वेबसाइट पे लिखी हुई कहानियाँ आपको जरुर पसंद आएगी।

1.भारत से स्वीडन - A real life love stories

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यह कहानी प्रदुम कुमार महानन्दिया का है जिनका जन्म उड़ीसा के एक बुनकर दलित परिवार में सन 1949 में हुआ था। जैसा की हम जानते है भारत में दलितों को लेकर स्तिथि अभी तक पूरी तरह से सुधर नही पायी है मगर उस समय तो मानो जैसे ये कोई गलती जैसा था। बचप्पन से ही प्रदुम् को कई तरह की यातनाये और उत्पीड़न झेलने पड़े थे।

उन्हें स्कूल में बाकी बच्चो से अलग बिठाया जाता इतना ही नही बल्कि समाज के ही कुछ सरारती बच्चे उनके घर पर पत्थर फेका करते थे।

लेकिन कभी भी इन प्रस्तिथियो को प्रदुम ने अपने ऊपर हाबी नही होने दिया नयी-नयी चीजे सिखने और कुछ कर दिखाने का जज्बा उनके अन्दर हमेसा से ही था। कहते है बचपन से ही प्रदुमन को आर्ट में काफी दिलचस्पी थी।

और प्रदुम ललित कला की पढाई करना चाहते थे मगर पैसो की कमी उनकी रास्ते की रूकावट बन गयी जिसके चलते अच्छे कॉलेज में सिलेक्शन होने के बावजूद वो एड्मिसन नही ले पाए लेकिन कहा जाता है ना किसी चीज को सिद्दत से चाहो तो वो ज्यादा समय तक आपसे दूर नही रह पाती

प्रदुम की काबिलियत को देखते हुए उड़ीशा सरकार ने उनकी मदत के लिए आगे आई और 1971 में उन्हें दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स में पढाई करने का मौका मिला लेकिन प्रदुम की कहानी इतनी शिधि कैसे हो सकती है।

दिल्ली जाकर भी उनकी दिक्कते ख़त्म नही हुई कॉलेज में एड्मिसन तो मिल गया मगर रहने के लिए घर नही था ऐसे में उनको फूटपात पर सोना पड़ता और पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता लेकिन हर कदम पर उनकी कला उनके साथ थी।

कॉलेज के बाद वो शाम को दिल्ली कनौट प्लेस पर लोगो के पोट्रेट बनाया करते जिससे उन्हें कुछ पैसे मिल जाया करते थे रोज़ की तरह एक दिन कनौट प्लेस पे बैठे हुए थे।

तो उनके सामने एक कार आके रुकी जिसकी पिछली सिट पर एक विदेशी महिला बैठी हुई थी उन्होंने प्रदुम को उनका पोट्रेट बनाने को बोला बिना कुछ पूछे प्रदुम ने उन्हें जल्दी से पोट्रेट बना के दे दिया उस पोट्रेट को देख विदेशी महिला इम्प्रेस हो गयी और प्रदुम को मिलने आने के लिए कहा

अगले दिन प्रदुम उस महिला से मिलने पहुचे और उन्हें पता चला की वो महिला कोई और नही बल्कि रूस की वेलेंटिना टेरेशकोया थी जो की दुनिया की पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री है।

पोपुलेर्टी की तरफ तो प्रदुम का ये पहला कदम था। एक दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के सच्चेव महानन्दिया के पास आये और उनसे इंदिरा जी का पोट्रेट बनाने को कहा, प्रदुम के बनाये पोट्रेट को देख सभी इतना खुश हुए की उसके बाद से दिल्ली सरकार का रवैया उनके प्रति बदल गया।

तब तक प्रदुम काफी मुस्किल हालातो से गुजर रहे थे मगर फिर सरकार ने उन्हें कुछ जरुरी सुविधाए मुहया करने का फैसला लिया उन्हें देर रात काम करने के लिए बन्दों बस किया गया इसके बाद से प्रदुम दिन रात एक करके मेहनत करने लगे

मगर शायद उन्हें भी इस बात का अंदाजा नही था की कनौट प्लेस के एक कोने में बैठे-बैठे उनकी जिन्दगी बदलने वाली है ये किस्सा साल 1975 का है जब शेर्लोट वोन स्वेडविन स्वीडिश स्टूडेंट मशहुर हिप्पी ट्रेल को फॉलो करते हुए 22 दिन के टूर पर इंडिया आई थी जब वो कनौट प्लेस घुमने के लिए गए।

और उसने प्रदुम को देखा और अपना पोट्रेट बनाने को कहा फिर वही हुआ जिसे हम सभी लोग कहते है लव ऐट फर्स्ट साइड, शेर्लोट को देख प्रदुम इतना नर्वस हो गए की शेर्लोट का पोट्रेट बना ही नही पाए और उन्हें कल फिर से आने के लिए कहा अगले दिन प्रदुम ने शेर्लोट को उनका पोट्रेट बना कर दे दिया।

लेकिन इसके बाद भी शेर्लोट प्रदुम से लगातार मिलने आती रही और दोनों के बिच गहरी दोस्ती और एक अच्छा कनेक्शन बन गया।

दोस्तों किसी भी लव स्टोरी में दो प्यार करने वाले कभी न कभी मिलेंगे ये तो तय होता है मगर वो दिन कौन होगा ये किसी को नही पता होता है। प्रदुम का केश थोडा अलग था दरसल उनके पिता प्रोफेसन से पोस्ट मास्टर होने के साथ-साथ ज्योतिष की भी काफी अच्छी समझ रखते थे।

उन्होंने पहले ही ये बता दिया था की प्रदुम की शादी दुसरे देश की किसी वृषभ राशी वाली एक म्युजिसियन लड़की से होगी जो एक जंगल की मालकिन भी होगी शेर्लोट से मिलने के बाद प्रदुम अपने पिता की भविष्यवाणी याद आई और मजे की बात तो ये है की जब उन्होंने ये बात शेर्लोट से बताई तो उन्होंने कहा हा मै एक म्युजिसियन हु और मेरा जोडिएक साइन भी वृषभ है और तो और शेर्लोट सच में एक बड़े जंगल की मालकिन भी थी।

ये बात करने के बाद प्रदुम को यकीं हो गया की यही वो लड़की है जिसके साथ उनकी शादी होने वाली है। धीरे-धीरे दोनों में प्यार बढ़ता गया और फिर उन्होंने ट्रेवल रीती रिवाजो से शादी कर ली दो तिन हफ्तों के बाद शेर्लोट की विजा ख़त्म होने का दिन आ गया।

फिर उन्हें स्वीडन वापस लौटना पड़ा दूसरी तरफ प्रदुम ने यही रूककर अपने काम को आगे बढ़ाने का फैसला किया और करीब 1 साल 6 महीने अपनी पत्नी से दूर रहे इस दौरान दोनों लेटर्स के जरिये बात किया करते थे।

और आखिरकार साल 1977 में शेर्लोट से मिलने स्वीडन जाने का फैसला किया मगर उनके पास इतने पैसे नही थे की वे हवाई जहाज का टिकेट खरीद पाते ऐसे में उन्होंने अपने पास मौजूद सारा सामान बेच दिया जिससे उन्हें 1200 रूपये मिले।

और फिर होती है हमारे कहानी की हीरो की एंट्री उन्ही 1200 रूपये में से 80 रूपये खर्च कर प्रदुम ने पुरानी साईकिल खरीद ली और पैडल मारते हुए अपने 6000 किलोमीटर से भी ज्यादा लम्बे सफ़र पर निकल पड़े जी हा आपने बिलकुल सही पढ़ा प्रदुम भारत से यूरोप करीब 6000 किलोमीटर का सफ़र साइकल पर तय करने वाले थे।

अपने प्यार से मिलने की राह में उन्हें तरह तरह की मुश्किले झेलनी पड़ी, रास्ते में वो कुछ लोगो की स्केच बनाते और उसके बदले उनसे खाना और एक रात उनके घर में रुकने की मदत मांग लिया करते कई राते तो प्रदुम अपने स्लीपिंग बैग में खुले आसमान के निचे बिताने पड़े।

फिर कुछ रुपयों और कुछ अच्छे लोगो की मदत से प्रदुम ईरान, तुर्की, आफ्गानिस्तान, बुल्गारिया, जर्मनी और ऑस्ट्रिलिया जैसे देशो से गुजरते हुए 5 महीनो के लम्बे सफ़र के बाद आखिर कार स्वीडन की सीमा पर पहुचे लेकिन फिर सुरु होता है क्लाइमेक्स इमिग्रेसन विजा ना होने के कारण प्रदुम को बॉर्डर पे ही रोक दिया जाता है।

और प्रदुम को शादी का सर्टिफिकेट दिखाने के बाद भी स्वीडन के ऑफिसर उन्हें अन्दर नही जाने देते क्युकी उन्हें इस बात पर यकीं नही होता की साईकिल के जरिये कोई इन्सान भारत से वहा तक कैसे पहोच सकता है और ऐसे इन्सान की शादी स्वीडन की एक आमिर लड़की से कैसे हो सकती है।

शादी की तस्वीरो के देखने के बाद उन्होंने शेर्लोट से संपर्क किया और उन्होंने कन्फर्मेशन के बाद ही प्रदुम को सीमा में दाखिल होने की इजाजत दी गयी। अपने पति की स्वीडन जाने की बात सुनकर शेर्लोट खुद प्रदुम को गोदंभग बॉर्डर लेने आयी।

और फिर दोनों साल 1989 में स्वीडन के कानून के अनुसार फिर से शादी की और आज इनके शादी को 40 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। और इनके दो बच्चे भी है, समय समय पर प्रदुम आज भी उड़ीसा अपनी पत्नी के साथ आते है और अपने गाव वालो से मिलकर वापस जाते है।

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2.संदीप महेश्वरी की success love story

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संदीप महेश्वरी सर को कौन नहीं जानता लेकिन क्या आप उनकी love story जानते है अगर जानते है तो अच्छी बात है आप निचे दी हुई तीसरी कहानी पढ़ सकते है और अगर इनकी love story नही जानते तो इस कहानी पढ़िए आपको यह कहानी बेहद पसंद आएगी।

एक ऐसा लड़का जिसका सिर्फ एक ही दोस्त था और ये कहानी तब की है जब वो 9वी कक्षा में थे ये अपने आप को हमेशा कम समझते थे और ये बहोत ही इनसेक्योर थे लेकिन लड़ाई झगडा करने में बहोत तेज थे।

जैसे तैसे करके ये 10वी पास हुए तो इन्होने अपना स्कूल चेंज करने को सोचा और किसी दुसरे स्कूल में दाखिला कारने गए और जब वो काउंटर पर दाखिला कराने गए तब संदीप को एक लड़की देखती है।

और इनसे आकर्षित हो जाती है और सोचती है की इस लड़के का दाखिला हो जाये तो मज़ा आ जायेगा लेकिन संदीप को ये बात पता नही होती है की कोई लड़की उनसे आकर्षित हो रही है।

लेकिन जब संदीप दुसरे दिन स्कूल जाते है तो वो भी उस लड़की को देखते है जो लड़की उनको देख कर आकर्षित हुई थी, जब संदीप उस लड़की को देखते है तो उनके मन भी यही बात चलती है की काश ये लड़की मेरी gf बन जाये लेकिन संदीप अपने आपको हमेशा low फील करते है तो इसकी वजह से वो सोचते है जाने दो ये मेरी औकात से ऊपर है।

लेकिन लड़की जिनका नाम रूचि था वो संदीप से बात करने के लिए आती है फिर संदीप और रूचि में दोस्ती हो जाती है जो धीरे-धीरे प्यार में बदल जाता है और दोनों हमेशा साथ में पढ़ते और जब स्कूल से बंक मरना हो तो बंक मार के घुमने निकल जाते थे।

ऐसे करते हुए 1 साल गुजर गए संदीप 12वी कक्षा में चले गए फिर उनको पढ़ने का भूत चढ़ जाता है जिसके वजह से वो रूचि को टाइम नहीं दे पाते थे।

जिसकी वजह से इनके रिश्ते ख़राब होने लगे, रूचि संदीप से बोलती है की पढाई कर रहे हो ठीक है लेकिन ये तो नही की तुम बिलकुल ही मुझे इग्नोर करो लेकिन संदीप के मन हमेशा यही चलता था की नही मुझे पढना है तो बस पढना है।

संदीप ने खूब मेहनत से पढाई की लेकिन मजेदार बात ये है की जब रिजल्ट आया तो पता चला पुरे स्कूल में रूचि ने टॉप किया और संदीप का बस 85% आया था।

12वी पास करने के बाद संदीप की आर्थिक स्तिथि ख़राब होने के वजह से काम करना स्टार्ट कर दिया उन्होंने बहोत काम किये कुछ में फ़ैल हुए तो कुछ में पास और कुछ काम में पास होने के बावजूद उन्होंने वो काम छोड़ दिया क्युकी उनके मन में हमेशा चलता था की उन्हें कुछ ऐसा करना है।

जिसे करने के बाद पैसे भी कमाए जा सके और उस काम को करने में मजा भी आये फिर उन्होंने अपनी एक कंपनी खोली जिसका नाम images bazar था और वो इसमें सफलता भी पा लिए।

और जब उन्हें सफलता मिल गयी और वो आर्थिक रूप से स्थिर हो गए तब जाके संदीप रूचि से शादी कर लिए और आज के समय में उनके दो बच्चे भी है।

तो यही है हमारे संदीप महेश्वरी जी का success love story जिन्होंने अपने कैरिअर में सफलता पाए और अपने प्यार में भी, अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो निचे कमेंट करके जरुर बताइएगा हम आपके लिए ऐसी कहानियाँ लाते रहेंगे।

3.घुटरघू - cute couple romantic love story

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सुबह होता है, सूर्य भगवान अपनी दिशा में उगते है, मंदिर की घंटिया बजती है और चिडियों की चहकने की आवाज सुनाई देती है तभी छत पे सोया एक लड़का उठकर अंगडाइया लेता है जिसका नाम प्रदीप होता है।

सुबह उठते ही प्रदीप छत पे इट के निचे से अपना छुपाया हुआ सिगरेट और लाइटर निकालता है और सिगरेट जला कर अपनी आँखे बंद करके एक सुट्टा मारता ही है की तभी उसके बाजु वाले छत पे एक कबूतर उड़कर आके बैठ जाता है।

कबूतर की फडफड की आवाज सुनकर प्रदीप डर जाता है की कही उसके घर वाले उसको सिगरेट पिटे हुए देख ना ले नही तो उसकी कुटाई हो जाएगी।

फिर वो इधर उधर देखने लगता है कोई है तो नही जो उसको सिगरेट पिटे हुए देख रहा हो देखते समय उसे एक कबूतर दिखाई देता है वो कबूतर को देख के मुस्कुराता है उसी समय उसके पड़ोस के छत पे एक कोई नयी लड़की  दिखती है जो अपने रिश्तेदार के घर आई होती है और वो छत पे कपडे सुखाने के लिए आती है।

और प्रदीप उसे देखता है, वो इतनी सुन्दर होती है की प्रदीप उसे देखता ही रह जाता है देखते देखते उसकी सिगरेट जल कर ख़तम हो जाती है और उसके उंगलियों में सिगरेट की आग टच हो जाती है जिसके वजह से वो जल जाता है, उंगलिया जलने के बाद वो अपने उंगलियों को देखने लगता है।

फिर दोबारा वो उस लड़की की तरफ देखता है तो वो वहाँ नही होती है वहाँ से चली जाती है इसके बाद वो लड़का आसमान की तरफ देखता है और मन ही मन बोलता है हे भगवन आज सुबह सुबह किसके दर्शन करा दिए आप

दुसरे दिन लड़का फिर सुबह छत पर अपना camera लेके जाता है और अपने पडोसी के छत पे देखता है लेकिन लड़की वहाँ नही रहती है और उसी समय लड़की के पापा वहाँ आ जाते है और लड़का उन्हें देख कर छुप जाता है।

कुछ समय छुपने के पश्चात प्रदीप के ऊपर एक बॉडी गिरती है और वो बॉडी को उठा के देखने लगता है और फिर सामने देखता है तो वो लड़की अपने छत पे खड़ी हुई होती है।

फिर लड़की अपनी उंगलियों से चुटकी बजाती है और और प्रदीप से बोलती है, "ओ हेल्लो इधर लाके दो"

फिर प्रदीप बॉडी ले जाकर देता है और बोलता है,"इतना बड़ा" फिर लड़की बोलती है,"ये मेरा नही है कबूतर, पता नही कहाँ-कहाँ से आ जाते है ऐसे लोग" लड़की तो उसे गुस्से में ऐसे बोल के चली जाती है लेकिन प्रदीप को देखकर उसे हसी भी आ गयी होती है।

जब वो लड़की प्रदीप को देखती तो उसे हसी आ जाती ऐसे ही दो दिन गुजर जाते है और लड़की के मन में हमेशा प्रदीप का चित्र बनता है और वो बार बार प्रदीप के बारे में सोचती है।

और उस लड़की को प्रदीप से प्यार हो जाता है फिर लड़की प्रदीप से मिलना चाहती है लेकिन उस से डायरेक्ट बोल नही पाती, फिर लड़की ने एक पेपर में मिलने का टाइम लिखकर कबूतर के पैर में बाँध देती है और उस कबूतर को उड़ा देती है।

कबूतर प्रदीप के पास जेक बैठ जाता है और जब प्रदीप उस पेपर को खोलकर देखता है तो वो बहोत खुश हो जाता है और वही छत पे डांस करने लगता है।

कुछ घंटो बाद मिलने का टाइम हो जाता है फिर लड़की छत पे आती है और प्रदीप तो पहले से छत पे रहता है, दोनों मिलते है लेकिन एक दुसरे से बात नहीं करते है कभी लड़की प्रदीप को देख कर मुस्कुराती है तो कभी प्रदीप लडकी
को देख के मुस्कुराता है।

ऐसे करते करते 5 मिनट गुजर जाते है फिर लड़की प्रदीप को कुछ खाने के लिए देती है और प्रदीप उसे जैसे मुह में डालता है वो पागल हो जाता है और चिल्लाने लगता है क्युकी वो बहोत तीखी चीज़ खा लेता है।

फिर लड़की प्रदीप को बोलती है,"चुप रहो नही तो कोई आ जायेगा" और लड़का चुप हो जाता है लेकिन प्रदीप की आवाज सुनकर छत पे लड़की के पापा आ जाते है लेकिन उन दोनों को देख नही पाते क्युकी वो दोनों छिप जाते है।

जब छत पे कोई नही दीखता है तो लड़की के पापा वहाँ से चले जाते है, प्रदीप लड़की को देखता है और लड़की प्रदीप को देखती है दोनों ऐसे ही 5 मिनट एक दुसरे को देखते है फिर लड़का धीरे-धीरे लड़की की तरफ बढ़ता है और वो दोनों एक दुसरे के बहोत करीब हो जाते है।

उन दोनों की साँसे बढ़ने लगती, प्रदीप लड़की को किस करने वाला ही रहता है की लड़की उसे रोक लेती है और उसे कबूतर बोलकर चली जाती है।

दुसरे दिन फिर दोनों छत पे मिलते है और दोनों छत के दीवार पे बैठे रहते है, प्रदीप जितना लड़की के करीब जाता लड़की उतना ही प्रदीप से दूर जाके बैठ जाती, प्रदीप लड़की की तरफ देखता है और कुछ बोले उसके पहले ही लड़की दो कबूतरों की तरफ इशारा करके बोलती है,"जैसा वो दोनों करेंगे वैसे हम भी करेंगे"

तभी वहाँ से एक कबूतर उड़ जाता है और लड़की उसे देखकर वो भी वहाँ से भाग जाती है। अगले दिन फिर दोनों वही छत पे मिलते है।

दोनों कबूतर भी वही पे रहते है लड़की आके छत की दीवार पे बैठती है और दोनों बाते करते है बात करते करते प्रदीप लड़की के बिलकुल करीब जा के बैठ जाता है, लड़की उसके तरफ देखने लगती तो प्रदीप उन कबूतरों की तरफ इशारा करता है।

दोनों कबूतर भी एक दुसरे से चिपक के बैठे होते है फिर दोनों कबूतर एक दुसरे के चोच पे चोच टच करते है ये देख के प्रदीप ख़ुश हो जाता है फिर वो भी लड़की को किस करता है, किस करने के बाद लड़की गमले में से एक छोटा सा कंकड़ उठाती है और कबूतरों की तरफ फेकती है।

कबूतर उड़ता है लेकिन फिर लडखडा जाता है और फिर उसी जगह आके बैठ जाता है ये देख लड़की को डाउट होता है की कबूतर उड़ के फिर क्यों बैठ गया। तो फिर लड़की कबूतरों की तरफ जाती है और देखती है की दोनों कबूतरों को एक सफेद पतले रस्सी से एक दुसरे के पैर में बंधा होता है।

लड़की समझ जाती है की ऐसा प्रदीप ने किया है बस मेरे पास बैठने के लिए फिर वो प्रदीप की तरफ देखती है और गुस्से में चीटर बोल के चली जाती है।

4.फेसबुक का प्यार - heart touching sad love story

यह कहानी अनुज नाम के लड़के की है यह कहानी really में आपको रुला देगा ये कहानी आप अनुज की जुबानी सुनिए। निचे आपको प्ले बटन दिखेगा वहाँ क्लिक करके आप सुन सकते है।



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Moral Stories जिसे हिंदी में नैतिक कहानियाँ बोला जाता है एक अच्छा और सामाजिक व्यक्ति वही होता है जिसके अंदर नैतिकता होती है, नैतिकता हमारे समाज को बेहतर बनता है और समाज के साथ-साथ एक अच्छा व्यक्ति भी बनता है जो सामाजिक जीवन को आसान कर देता है इसलिए हर व्यक्ति को नैतिक कहानियाँ खासकर के छोटे बच्चो को जरूर पढ़ना चाहिए।


खरगोश और कछुआ- moral story in Hindi

moral story in hindi

बहोत समय पहले की बात है एक जंगल में भेड़िया, खरगोश और कछुआ रहते थे वो तीनो रोज़ जंगल के अंदर एक जगह मिलते थे भेड़िया और खरगोश जल्दी पहोच जाते थे।

पर कछुआ हमेशा देरी से आता था खरगोश हमेशा कछुए का मज़ाक उडाता था और हमेशा कछुए को बोलता था "अरे तुम कितने आलसी हो, मेरी तरह तेजी से चला करो"

खरगोश की बाते भेड़िये को अच्छी नहीं लगाती थी तो भेड़िये ने बोला "तुम इसका मजाक क्यों उड़ाते हो सच कहु तो तुम कछुए से दौड़ में नहीं जीत सकते"

तो खरगोश बोलता है "ये कछुआ क्या हराएगा मुझे" तो भेड़िया बोलता है "अच्छा इतना अहंकार तो चलो एक दौड़ की प्रतियोगिता रखते है देखते है कौन जीतता है"

फिर कछुए और खरगोश में प्रतियोगिता चालू हुई, खरगोश तो बहोत तेजी से दौड़ रहा था लेकिन वही कछुआ बहोत धीरे-धीरे चल रहा था।

कुछ देर बाद खरगोश बहोत आगे चला गया और पीछे मुड़ कर देखा तो कछुआ दिख नहीं रहा था वह बहोत पीछे था तो खरगोश बोलता है "वो मुझसे कभी नहीं जीत पायेगा जरा आराम तो कर लू"

यह बोलकर खरगोश एक बड़े पेड़ की छाँव में लेट गया और चैन की नींद सो गया।

कुछ देर बाद कछुआ भी उस बड़े से पेड़ के निचे पहोच गया और उसने देखा खरगोश गहरी नींद में सो रहा है लेकिन वो अपनी गति से बिना रुके अपनी मंजिल की ओर चल पड़ा कुछ देर बाद कछुआ अपनी मंजिल पर पहोच गया।

सारे जानवर उसका अभिनन्दन करने लगे, बड़ी देर बाद खरगोश नींद से जागा पीछे मुड़ कर देखा तो कछुआ नहीं दिखा तो खरगोश ने बोला "वो आलसी कछुआ दिखाई भी नहीं दे रहा भला मुझसे कौन जीत सकता है।"

इतना बोलकर वो मंजिल की तरफ भागने लगा और अंतिम स्थान पहुंचते ही उसे झटका लगा क्युकी कछुआ तो वहाँ पहले से ही पंहुचा चूका था, सभी जानवर खरगोश को देखकर हसने लगे।

खरगोश शर्मिंदा हो गया, भेड़िये ने बोला "देखा तुमने तुम्हारा घमंड तुम्हारे मंजिल में रूकावट बन गया कछुए ने धीमे से ही सही लेकिन ध्यान से अपनी मंजिल हासिल कर ली और वो जीत गया अब से तुम किसी को कम मत समझना और उसे निचा ना दिखाना"

moral of the story-

आप कितने भी कमजोर क्यों न हो लेकिन दृढ़ निश्चय और एकाग्रता हमेशा मंजिल पर पंहुचा देती है।


चार दोस्त- moral story in hindi

moral story in hindi

एक जंगल में चार दोस्त कछुआ, चूहा, हिरन और कौआ रहते थे वो चारो रोज एक आम के पेड़ के निचे मिलते थे।

एक दिन कछुआ, चूहा, और कौआ तीनो पेड़ के निचे मिलने के लिए आये लेकिन हिरन नहीं आया तो उसके दोस्त उसका इन्तजार करने  लगे काफी देर तक इंतज़ार करने के बाद चूहा बोला "अरे हमारा मित्र हिरन कहाँ रह गया अभी तक नहीं आया मुझे तो लगता है वो किसी बड़ी मुसीबत में है।"

तो कौआ भी बोला "हा मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है क्युकी हिरन हर बार सबसे पहले आता था लेकिन आज बहोत देर हो गयी अभी तक नहीं आया"

फिर कछुआ बोला "हा मुझे भी ऐसा लगता है चलो हम सब मिल कर हिरन को ढूंढ़ते है।"

तीनो दोस्त हिरन को ढूंढने निकल पड़े कुछ समय ढूंढने के बाद कौए को हिरन दिख जाता है मगर वो देखता है की हिरन किसी शिकारी के जाल में फसा हुआ है।

कौआ फिर चूहे के पास जाता है और उसे बोलता है "मुझे हिरन मिल गया लेकिन वो शिकारी के जाल में फसा है और तुम ही उस जाल को काटकर  हिरन को आजाद कर सकते हो"

तभी कछुआ भी आ जाता है और तीनो मिल कर हिरन के पास जाते है और चूहा जल्दी-जल्दी जाल काटकर हिरन को आजाद कर देता है लेकिन उसी वक्त शिकारी भी आ जाता है।

सभी लोग वहाँ से भाग जाते है और एक पत्थर के पीछे जाके छुप जाते है मगर कछुआ धीरे-धीरे भागता है तो शिकारी कछुए को देख लेता है और उसे पकड़कर एक थैले में बंद कर देता है।

कछुए को थैले में बंद करने के बाद शिकारी आपने घर की तरफ जाने लगता है तभी हिरन भागते हुए उस शिकारी के सामने जाके खड़ा हो जाता है और शिकारी जब उस हिरन को देखता है तो थैला फेक के हिरन को पकड़ने के लिए दौड़ता है।

उसी वक्त चूहा जाके उस थैले को काट कर कछुए को आजाद करता है और हिरन तेजी से भागकर अपनी जान बचा लेता है फिर चारो दोस्त रोज की तरह उसी पेड़ के निचे मिलते है।

moral of the story-

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है की हम एक साथ मिल कर किसी भी किसी भी समस्या को सुलझा सकते है।


जो भी होता है अच्छे के लिए होता है- moral story in Hindi

एक व्यक्ति के जीवन में बहोत परेशानिया बहोत उलझने आती रहती थी और एक दिन तो उसका पूरा दिन इतना ज्यादा ख़राब हुआ की वो परेशान हो गया अपनी जिंदगी से और रात के समय ईश्वर से फरियाद करने लगा वो इंसान बहोत गुस्से में था और परमात्मा से कहने लगा "आपने आज मेरा पूरा दिन ख़राब कर दिया, आपने क्यों ऐसा मेरे साथ किया"


तो परमात्मा ने कहा "क्यों ऐसा क्या हुआ तुम्हारे साथ" तो वो व्यक्ति बोला "मुझे सुबह को जल्दी उठना था लेकिन मेरा अलार्म नहीं बजा और मुझे उठने में देर हो गयी, एक तो मुझे पहले ही देर हो गयी थी और जैसे ही मैंने अपना स्कूटर स्टार्ट किया तो मेरा स्कूटर भी ख़राब हो गया, बहुत मुश्किल से मुझे एक रिक्शा मिली, देर होने की वजह से मै अपने ऑफिस में अपना टिफिन ले जाना भी भूल गया और जब ऑफिस पंहुचा तो वह कैंटीन भी बंद हो गयी थी बड़ी मुश्किल से मुझे कही से एक सैंडविच मिला और पूरा दिन मुझे उस एक सैंडविच से निकलना पड़ा लेकिन वो सैंडविच भी ख़राब था और कुछ देर बाद कही से मुझे फ़ोन पर एक अच्छा ऑफर आया लेकिन उसी समय पर मेरा फ़ोन ख़राब हो गया फिर मैंने सोचा घर जाकर ac चलकर सो जाऊंगा और आराम करूँगा लेकिन मै जैसे ही घर पहोचा तो लाइट गयी हुई थी मुझे समझ नहीं आ रहा की ये साड़ी तकलीफ मुझे ही क्यों देते है आपको कोई और नहीं मिलता क्या"


तो परमात्मा ने उससे कहा "तू मेरी बात ध्यान से सुन आज सारा दिन तुझपर मुस्किले और आफ़ते आने वाली थी इसलिए मैंने देव दूत को भेजकर तेरा अलार्म बजने ही नहीं दिया और आज तेरा स्कूटर से एक्सीडेंट होने वाला था इसलिए मैंने तेरा स्कूटर बिगाड़ दिया और जिस कैंटीन की तू बात कर रहा है उसका खाना ख़राब हो चूका था जो तेरे शरीर को भयानक नुकसान पहुँचता और जिस इंसान से तू फ़ोन पर बात कर रहा था वो इंसान एक नंबर का घोटाले बाज़ था जो तुझे बहोत बड़ी मुश्किल में फसा देता इसलिए तेरा फ़ोन बंद करा दिया और आज तेरे घर में शार्ट सर्किट से आग लगने वाली थी इसलिए मैंने तेरी बिजली ही बंद करवा दी, मैंने तुझे दुःख देने या परेशान करने के लिए ये सारी उलझने नहीं दी मैंने तो तुझे बचाने के लिए ये सब किया है"


जब उस व्यक्ति को पता चला की जो कुछ भी हुआ मेरी रक्षा के लिए हुआ है तो वो परमात्मा से माफ़ी मांगने लगा की मुझे माफ़ कर दो मैं आपको समझ नहीं पाया तो परमात्मा ने कहा माफ़ी मांगने की जरुरत नहीं है लेकिन विश्वास रख मै हमेशा तेरे साथ हु मै हमेशा सबका भला करता हु, मै जो भी करूँगा तेरे भले के  करूँगा 

moral of the story - 

जीवन में कभी कभी हमारे साथ ऐसी घटनाये हो जाती है की हमें लगता है हमारे ही साथ बुरा क्यों होता है लेकिन कुछ समय या साल बाद हमें समझ आता है की जो भी हुआ सही हुआ अगर ये घटना मेरे साथ नहीं होती तो इससे भी बुरा मेरे साथ होता।




अच्छे कर्म का मीठा फल- moral story in Hindi

एक राजा ने अपने तीन मंत्रियो को दरबार में बुलाया और तीनो को आदेश दिया की एक-एक थैला लेकर बगीचे में जाए और वहाँ जो अच्छे-अच्छे फल मिले वो उस थैले में डालकर लेकर आये।


तीनो मन्त्रिया अलग-अलग  गए पहले मंत्री ने कोशिश की राजा के लिए अच्छे से अच्छे फल लेकर जाये जो मीठे भी हो और स्वास्थवर्धक भी हो उसने बहोत मेहनत करके अच्छे और मीठे फल चुने।


दूसरे मंत्री ने सोचा राजा कौन सा सब फल खाने वाला है तो उसने जल्दी जल्दी में कुछ अच्छे फल कुछ सडे गले फल उस थैले में डाल दिए।


तीसरे मंत्री ने सोचा राजा की नजर तो सिर्फ भरे हुए थैले पर जायेगी अंदर क्या है वो चेक करके थोड़ी देखेगा तो उसने आपने समय बचाने के लिए जल्दी-जल्दी उसमे घास और पत्ते भर दिए 

दूसरे दिन राजा ने तीनो मंत्रियो को उनके थैले समेत दरबार में बुलाया लेकिन उनके थैले खोलकर भी नहीं देखे और आदेश दे दिया की इन तीनो को इनके थैले समेत जेल में डाल दिया जाए और इन्हे खाने के लिए कुछ भी नहीं दिया जाए जो भी इनके थैले में है वो यही खा कर काम चलाएंगे।


उन तीनो मंत्रियो को उनके थैले समेत जेल में बंद कर दिया गया अब जेल में उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था सिवाय उन फलो के तो जो पहला मंत्री था उसके पास मीठे और स्वास्थवर्धक फल थे और वो मजे से खाता रहा और जो दूसरा मंत्री था उसको कुछ फल अच्छे मिले कुछ फल ख़राब लेकिन जो तीसरा मंत्री था उसके पास खाने के लिए सिर्फ घास पूस और पत्ते थे 15   दिन की कैद के बाद जो पहला मंत्री था वो बिलकुल स्वस्थ था लेकिन जो दूसरा मंत्री था वो बहोत बीमार होकर निकला और जो तीसरा मंत्री था वो 15 दिन के कैद में ही मर गया।


moral of the story - 

हम जो भी कर्म करते है उसका फल हमें बुरे वक्त में मिलता है अगर हम जिंदगी भर बुरे कर्म किये है किसी का बुरा किया किसी को दुःख पहोचाया है तो हमारे भी बुरे वक्त में कोई साथ नहीं देता है।



कल किसने देखा है - moral story in Hindi

एक बहोत आमिर व्यक्ति था उसने अपना सारा जीवन धन कमाने में निकाल दिया, उसके पास इतना पैसा था की वो जो चाहे खरीद सकता था लेकिन उसने अपने पुरे जीवन में किसी की भी मदत नहीं की इतना आपार धन होने के बाद भी उसने अपने लिए नहीं धन का कभी उपयोग नहीं किया ना कभी अपने पसंद के कपडे पहने और न अच्छा भोजन किया और नाही कभी अपने इच्छाओ को अपने सपनो को पूरा किया।


वो सारी जिंदगी बस पैसे कमाने में व्यस्त रहता था और पैसे कमाने में इतना ज्यादा व्यस्त हो गया उसे पता ही नहीं चला की कब उसका बुढ़ापा आ गया और वो जिंदगी के आखरी पड़ाव पे आ गया।


इस तरह आखिर वो दिन भी आ गया जो उसकी जिंदगी का आखरी दिन था और एक दिन उसे लेने के लिए मृत्यु खुद आ गयी।


मृत्यु ने उस व्यक्ति से कहा "तेरा अंतिम समय आ गया है और मैं तुझे अपने साथ लेने आयी हूँ "


मृत्यु की ये बात सुनकर ये आदमी बोला "अरे मैंने तो अभी अपनी जिंदगी को ठीक से जिया भी नहीं है मैं तो पैसा कमाने में व्यस्त था और पैसे कमाने में इतना व्यस्त हो गया की मुझे अपने पैसा का उपयोग करने का टाइम ही नहीं मिला लेकिन मुझे अब उन पैसो का खर्च करने के लिए थोड़ा समय चाहिए "


लेकिन मृत्यु ने उससे कहा "मै तुम्हे अब और समय नहीं दे सकती तुम्हारी जिंदगी का सारा समय समाप्त हो चूका है और अब उन दिनों को बढ़ाया नहीं जा सकता"


मृत्यु की ये बात सुनकर उस आदमी ने कहा "मेरे पास इतना पैसा है अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे अपना आधा धन तुमको दे सकता हु लेकिन मुझे 1 साल और देदो जीने के लिए"


लेकिन मृत्यु ने कहा "ऐसा संभव ही नहीं है " फिर इस पर उस आदमी ने बोला "अगर तुम चाहो तो मै तुमको अपनी कमाई का 90 % हिस्सा तुम्हे दे सकता हु लेकिन मुझे सिर्फ एक महीने का समय देदो जिससे मैं अपनी इच्छाओ को पूरा कर सकू अपने सपनो को जी सकू जिन कामो को मैंने कल पर टाल रखा था वो सारे काम कर सकू"


लेकिन मृत्यु ने फिर माना  कर दिया और कहा की "नहीं मैं तुम्हे एक महीने का समय नहीं दे सकती"


फिर उस आदमी ने कहा की "तुम मेरा सारा धन लेलो लेकिन मुझे एक दिन का समय देदो" तब मृत्यु ने उसे समझाया की मैं तुम्हे एक दिन तो क्या एक घंटे का भी समय नहीं दे सकती फिर मृत्यु ने उसे समझते हुए कहा की "तुम धन को तो प्राप्त कर सकते हो लेकिन धन से समय को कभी प्राप्त नहीं कर सकते"


जब उस व्यक्ति को यह समझ में आया की मैं अपनी साड़ी जिंदगी की दौलत देकर भी अपने लिए एक दिन भी नहीं खरीद सकता तो इस जिंदगी का मोल धन से कितना ज्यादा बढकर है।


moral of the story - 

यह कहानी हमारी जिंदगी से जुडी हुई है हम लोग भी सारी जिंदगी ऐसे ही दौड़ते रहते है की एक दिन जिंदगी में जियेंगे भविष्य में कभी आराम करेंगे लेकिन वो दिन कभी आता ही नहीं है, तो इस कहानी से यही शिक्षा लेनी चाहिए की जिंदगी में जो कुछ भी जरुरी है उसे कल पर मत टालो उसे आज ही कर डालो क्युकी कल किसने देखा है।

Gayatri mantra Hindi में | गायत्री मंत्र के फायेदे महत्व और सच्चाई

गायत्री मंत्र हिंदी में

गायत्री मंत्र ऋग्वेद (मंडला 3.62.10) से लिया गया है, जो पांच तत्वों की देवी सावित्री को समर्पित है।

कहा जाता है कि महर्षि विश्वामित्र ने गायत्री मंत्र का निर्माण किया था।

गायत्री मंत्र के जप से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है और व्यक्ति को प्रसिद्धि, धन और स्वस्थ शरीर की प्राप्ति होती है।

Gayatri mantra
सिंगर सुरेश वाडकर
म्यूजिक संजयराज गौरीनंदन
लिरिक्स महर्षि विश्वामित्र
म्यूजिक लेबल शेमारू


Gayatri mantra lyrics in hindi

gayatri mantra lyrics image

 ॐ भूर्भुवः स्वः ।

 तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि ।

 धियो यो नः प्रचोदयात् ।।

Gayatri mantra lyrics in English words

oṃ bhurbhuvaḥ svaḥ

 tatsaviturvareṇyaṃ bhargo devasyah dhimahi

 dhiyo yo naḥ prachodayat


गायत्री मंत्र हिंदी और इंग्लिश अर्थ सहित
Sanskrit Hindi English
ओम OM is a sacred sound and a spiritual symbol in Indian religions
भूर प्राण प्रदाण करने वाला Who gives life.
भुवः दुख़ों का नाश करने वाला Destroyer of sorrows
स्वः
सुख़ प्रदाण करने वाला who gives happiness
तत वह that
सवितुर सूर्य की भांति उज्जवल Bright like the sun. 
वरेण्यं सबसे उत्तम The Best
भर्गो कर्मों का उद्धार करने वाला The Savior
देवस्य प्रभु Lord
धीमहि  ध्यान (आत्म चिंतन के योग्य) Worthy of self reflection
धियो बुद्धि wisdom
यो जो Who
नः हमारी Ourselves 
प्रचोदयात् हमें शक्ति दें Give us strength.


गायत्री मंत्र के जाप के फायेदे और महत्व

गायत्री मंत्र की हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। गायत्री मंत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है और व्यक्ति को प्रसिद्धि, धन और स्वस्थ शरीर की प्राप्ति होती है।

कई तरह के शोधों से यह भी साबित हुआ है कि गायत्री मंत्र के जाप से कई लाभ भी होते हैं जैसे मानसिक शांति, चेहरे पर चमक, प्रसन्नता की प्राप्ति, इंद्रियों की बेहतरी, गुस्सा कम होता है, बुद्धि बढ़ती है और गायत्री मंत्र की यही सच्चाई है।

गायत्री मंत्र का जाप कैसे करे?

गायत्री मंत्र का जाप 108 बार किया जाता है इस मंत्र का जाप आप किसी भी समय कर सकते है लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में इस मंत्र के जाप से अधिक लाभ मिलता है।

अगर इस मंत्र का जाप ब्रह्म मुहूर्त यानि की सुबह पूर्व दिशा की तरफ और शाम को पश्चिम दिशा की तरफ मुह करके करते है तो आपके जीवन के सारे दुःख ख़तम हो जायेगा।

गायत्री मंत्र की सच्चाई

कुछ लोग इस मंत्र का गलत मतलब निकालते है और इस मंत्र को गलत बताया जाता है लेकिन यह सच्चाई नही है, यह मंत्र का जाप करने से हमारे जीवन में सुख समृधि प्राप्त होती है और यही इस मंत्र की सच्चाई है।

[2022] प्रेम और आकर्षण के बारे में 40 मनोवैज्ञानिक तथ्य

प्रेम और आकर्षण के बारे में मनोवैज्ञानिक तथ्यों

प्यार और आकर्षण का जब अनुभव होता है तो मानव व्यवहार पूरी तरह से बदल जाता है। मनोवैज्ञानिक का कहना है की प्रेम और आकर्षण रासायनिक क्रिया है।

जब हमारे दिमाग में यह रासायनिक क्रियाए होती है तो हमें ख़ुशी का अनुभव होता है और लोग कहते है की आप किसी के प्यार में है।

क्या आप प्यार में है? या आपको किसी व्यक्ति से आकर्षण हुआ है अगर आपको इनमे से कुछ भी अनुभव होता है तो आप इस लेख को पूरा पढ़े।

इस लेख में हम प्रेम और आकर्षण के बारे में मनोवैज्ञानिक तथ्यों को बताएँगे जिसे पढने के बाद आपको पता चल जायेगा की हमें प्रेम और आकर्षण क्यों होता है।

प्रेम और आकर्षण के बारे में मनोवैज्ञानिक तथ्य

1.मनोवैज्ञानिक कहते है की प्रेम होने से पहले व्यक्ति को आकर्षण होता है जिसे आज कल लोग कहते है मुझे पहली नजर में प्रेम हो गया।

2.जिन लड़कियों का चेहरा छोटे बच्चो जैसा होता है लड़के उन लड़कियों से बहोत ही जल्दी आकर्षित होते है।
जो लड़कियाँ हमेशा मुस्कुराती है उन लड़कियों से लड़के जल्दी attract होते है। इसके विपरीत जो लडके कम मुस्कुराते है उनसे लड़किया जल्दी आकर्षित होती है।

3.लम्बे बालो वाली महिलाओ से पुरुष जल्दी आकर्षित होते है।

4.मनोविज्ञान का कहना है की जब भी आप को चोट लगे या आप बीमार हो आप उन व्यक्तियों के साथ रहो जो आपको बहोत प्यार करते है क्युकी एक सकारात्मक संबंध आपके दिमाग में ऐसे केमिकल ट्रिगर करता है जो पेन किलर की तरह काम करता है और हम बहोत जल्दी ही सही होने लगते है।

5.एक शोध में पाया गया की जिन लड़को का ब्रेकअप होता है वो बहोत ही ज्यादा संघर्ष करते है क्युकी लड़के अपने ब्रेकअप के बारे में सबको बताना उचित नही समझते इसलिए यह दुःख उनके अन्दर कई दिनों तक उमड़ता रहता है।

6. इस संसार में प्रतिदिन लगभग 30 लाख लोगो को पहला प्यार होता है।

7. जिस व्यक्ति से आप आकर्षित या प्रेम करते है आपको उसके बकवास जोक्स पे भी हसी आएगी।

8. अगर आप किसी व्यक्ति से पहली बार मिल रहे है तो आपके पास 90 सेकंड होता है उस व्यक्ति को आकर्षित करने के लिए इसलिए कहा जाता है फर्स्ट इम्प्रैशन इज ए लास्ट इम्प्रैशन।

9. मनोविज्ञान का कहना है, अगर आप किसी व्यक्ति से आकर्षित है और वो व्यक्ति आपको भाव नहीं दे रहा है तो आप उस व्यक्ति से और भी ज्यादा आकर्षित होंगे।

10. जो लड़के नीले रंग का शर्ट या टीशर्ट पहनते है वो लड़के लडकियों को बहुत ही जल्दी आकर्षित कर लेते है।
महिला आमने-सामने बैठ कर बात करने में भावनात्मक कनेक्शन महसूस करती है जबकि पुरुष एक दुसरे के साइड में बैठकर भावनात्मक कनेक्शन महसूस करते है।

11. लड़कियाँ उन लडको से जल्द ही आकर्षित होती है जिन लडको का शारीर V शेप मतलब कंधे, छाती चौड़ी और कमर छाती से पतली होती है।

12. यदि आप अपने प्रेमी या प्रेमिका के बाए कान में प्यार भरी बाते कहते है तो वो ज्यादा असर करती है।
मनोवैज्ञानिको ने एक रिसर्च में पाया की जब दो प्रेमी एक दुसरे के आँखों में देख के बात करते है तो उनका दिल करीब 3 मिनट तक होते-होते एक साथ धडकने लगता है।

13. महिलाये ज्यादतर सीधे-साधे अच्छे पुरुष से बस दोस्ती करना चाहती है।

14. एक लड़की को वो लड़का सबसे ज्यादा तब attractive लगता है जब उसे ढेर सारी लड़किया देखती है और देख के मुस्कुराती है।

15. लाल रंग के कपडे पहनी हुई लड़किया लडको को अपनी तरफ बहोत ही जल्द आकर्षित कर लेती है।
यदि आपका पार्टनर बिलकुल आपकी तरह सोच रखने वाला हो या फिर आपके अपोजिट सोच वाला हो तो वो रिश्ते सफल नही हो पाते है।

16. लड़किया उन लडको से संबंध बनाना चाहती है जिन लडको का सोशल स्टेटस उनसे ज्यादा हो।

17. मनोवैज्ञानिको का कहना है की आप अपने मिलते जुलते चेहरे वाले व्यक्ति से जल्दी आकर्षित होते है।

18. 90 प्रतिशत महिलाये अपने प्यार का इजहार पहले नही करती है वो पुरुषो को आकर्षित करती है और उन्हें इशारे देती है की वो आपसे प्रेम करती है लेकिन इजहार पहले पुरुष को ही करना पड़ता है।

19. बढ़िया shape में दाढ़ी रखने वाले लड़के को लडकियाँ अन्य लडको की तुलना में अधिक जवान और जिम्मेदार इन्सान मानती है।

20. जो लोग अपनी खुद की रेस्पेक्ट करते है वो लोग ज्यादा आकर्षित लगते है चाहे वो लड़का हो या लड़की।
पुरुष अपने से कम उम्र की महिलाओ को पसंद करते है और महिलाये अपने उम्र से ज्यादा उम्र वाले पुरुष को पसंद करती है।

21. जिस व्यक्ति से आप प्रेम करते है अगर वो व्यक्ति आपको गले लगाये तो आपको बहोत अच्छा महसूस होता होता है, ऐसा इसलिए होता है क्युकी उस समय आपके दिमाग में Oxytocin हार्मोन का स्राव होने लगता है।

22. किसी भी वजह से अपने प्यार को भुलाना पड़े तो वो किसी नशे को छोड़ने जितना मुस्किल हो जाता है।

23. अगर आप किसी के साथ प्रेम में है तो आपके दिमाग का वो हिस्सा प्रभावित होता है जब कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का नशा करता है इसलिए ब्रेकअप का दर्द लोग जल्दी सेहन नही कर पाते है।

24. एक दुसरे से प्यार करने वाले व्यक्तियों की पसंद और नापसंद धीरे-धीरे एक जैसे होने लगते है।

25. लडकियों को तब सबसे ज्यादा अच्छा लगता है जब उसका प्रेमी रोड पे चलते समय उसका हाथ पकड़कर चले।

26. जिन व्यक्तियों को उनके जीवन में कभी प्यार न मिला हो उन व्यक्तियों को ह्रदय रोग होने की ज्यादा सम्भावना होती है।

27. आकर्षक महिलाये किसी भी पुरुष के जीवन के प्रति साकारात्मक नजरिया रखती है।

28. प्रेम किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है क्युकी अगर आपसे कोई प्रेम नही करता है तो सायद आप अपने जीवन में सफल न हो।

29. Hypopituitarism एक ऐसी बीमारी है जिसमे व्यक्ति प्यार के एहसास को महसूस नहीं कर पाता है।
जब हम किसी व्यक्ति की तरफ प्यार से देखते है तो हमारी पलके फैलकर चौड़ी हो जाती है।

30. मोटे भौ वाले लड़के सामान्य वाले लडको से ज्यदा attractive लगते है।

31. गहरी और भारी आवाज वाले लड़के सामान्य लडको की तुलना में लडकियों को ज्यादा attractive लगते है।
अगर आपको हमारा लेख प्रेम और आकर्षण के बारे में मनोवैज्ञानिक तथ्यों को पढ़ कर अच्छा लगा तो ये लेख आप अपने मित्र के साथ साझा कर सकते है।

प्रेम पर ओशो के 20 अद्भुत विचार

प्रेम पर ओशो के विचार और प्रवचन

ओशो प्रेम को पूरी तरह से समझे और वो प्रेम में ही जिए और उनका पूरा जीवन जो है वो प्रेम का एक सन्देश है।

आज आपको इस लेख में प्रेम पर ओशो के विचार बताया जायेगा जिसके बाद आपको प्रेम को देखने का नजरिया बदल जायेगा।

ओशो कहते है आदमी में व्यक्तित्व के तिन तल शारीर, मन और आत्मा है और प्रेम इन तीनो तलो पे हो सकता है लेकिन उसकी गुणवत्ता अलग-अलग हो सकती है।

शारीर के तल पर वह मात्र एक आकर्षण होता है तुम भले ही उसे प्रेम कहो, कुछ लोग तो सेक्स को ही प्रेम कहते है लेकिन सेक्स शारीरिक है यदि आप शारीर देख के आकर्षित हुए है तो ये प्रेम प्रसंग नही है।

इसे रासायनिक प्रंसंग कहना ज्यादा उचित होगा, जरा सोचो जिस स्त्री के प्रेंम में आप हो वो डॉक्टर के पास जाके अपना जेंडर चेंज करा ले दाढ़ी मुछ उगा ले तब भी आप उससे प्रेम करेंगे।

अगर तब भी आप उस स्त्री से प्रेम करेंगे तो ये प्रेम है लेकिन उसके जेंडर चेंज कराने से आपका प्रेम भी ख़तम हो जाये तो प्रेम नही है।

ओशो ने प्रेम के ऊपर बहोत सारे प्रवचन दिए है जिसके ऊपर किताबे भी लिखी गयी है, इसलिए प्रेम के ऊपर ओशो के अन्य विचार जो है आपको कोट्स के रूप में निचे लिखी मिल जाएगी।

प्रेम पर ओशो के अन्य विचार / osho quotes about love in hindi

1. सच्चा प्रेम अकेलेपन से बचना नहीं है, सच्चा प्रेम बहता हुआ अकेलापन है. अकेले रहने में कोई इतना खुश रहता है कि वो इसे बांटना चाहता है।

2.प्रेम की सर्वश्रेष्ठ सीमा आज़ादी है, पूरी आज़ादी। किसी भी रिश्ते के खत्म होने का मुख्य कारण आज़ादी का न होना ही है।

3. इस दुनिया में दोस्ती ही सच्चा प्यार है। दोस्ती का भाव प्रेम का सर्वोच्च रूप है, जहां कुछ भी मांगा नहीं जाता, कोई शर्त नहीं होती, जहां बस दिया जाता है।

4. अगर आप प्रेम से रहते हैं, प्यार के साथ रहते हैं तो आप एक महान जिंदगी जी रहे हैं, क्योंकि प्यार ही जिंदगी को महान बनाता है।

5. वासना भौतिक है. अहंकार मनोवैज्ञानिक है, प्रेम आध्यात्मिक होता है।

6. प्रेम में दूसरे महत्वपूर्ण होते हैं, वासना में आप महत्वपूर्ण होते हैं।

7. जब भी आप प्रेम की योजना बनाते हैं और जब भी आपका ध्यान पूरी तरह से उसमें शामिल हो जाता है, तब ये प्रेम झूठा और पाखंडी बन जाता है।

8. मित्रता शुद्धतम प्रेम है. ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता , कोई शर्त नहीं होती , जहां बस देने में आनंद आता है।

9. जैन लोग बुद्ध को इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं. ये अथाह प्रेम कि वजह से है, उनमे डर नहीं है।

10. प्रेम तब खुश होता है जब वो कुछ दे पाता है. अहंकार तब खुश होता है जब वो कुछ ले पाता है।

11.प्रेम एक पक्षी है, जिसे आज़ाद रहना पसंद है। जिसे बढ़ने के लिए पूरे आकाश की जरूरत होती है।

12. प्रेम तभी सच्चा होता है, जब कोई एक दूसरे के व्यक्तिगत मामलों में दखल न दें। प्यार में दोनों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

13. पुरुष जितना प्रेम शब्दों में प्रकट करेगा उससे कई गुना ज्यादा स्त्री मौन में प्रकट कर देगी।

14.  प्रेम एक शराब है, आपको उसका स्वाद लेना चाहिए, उसे पीना चाहिए, उसमें पूरी तरह से डूब जाना चाहिए। तभी आपको पता चल पाएगा कि प्रेम क्या है।

15. प्रेम की कोई भाषा नहीं होती, प्रेम का फूल मौन में खिलता हैं। प्रेम संगीत है, प्रेम अंतर्नाद है, प्रेम ही अनाहद नाद है।

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