हनुमान जी के 12 नाम - नाम के अर्थ - 12 नाम वाला मंत्र
क्या आपको पता है हनुमान जी के 108 नाम है? और आज मै आपको इस पोस्ट में बताऊंगा हनुमान जी के 12 नाम और उनके अर्थ और इन नाम को जपने के फायेदे अगर आप नाम जपने के फायेदे जानना चाहते है तो इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़िए।
हनुमान जी के 12 नाम कौन-कौन से है?
- ॐ हनुमान
- ॐ अंजनी सुत
- ॐ वायु पुत्र
- ॐ महाबल
- ॐ रामेष्ठ
- ॐ फाल्गुण सखा
- ॐ पिंगाक्ष
- ॐ अमित विक्रम
- ॐ उदधिक्रमण
- ॐ सीता शोक विनाशन
- ॐ लक्ष्मण प्राण दाता
- ॐ दशग्रीव दर्पहा
स्तुति में मिलता है और हनुमान जी के 12 नाम की स्तुति जिसे हम हनुमान जी के 12 नाम वाले मंत्र से भी जानते है जो कुछ इस प्रकार से है :-
हनुमान अंजनी सूत् र्वायु पुत्रो महाबलः।
रामेष्टः फाल्गुनसखा पिङ्गाक्षोऽमित विक्रमः॥
उदधिक्रमणश्चैव सीता शोकविनाशनः।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा॥
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मनः।
सायंकाले प्रबोधे च यात्राकाले च यः पठेत्॥
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।
हनुमान जी के 12 नाम वाले मंत्र के फायेदे
हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है क्युकी ये सबके दुखो को संकट को हर लेते है। शास्त्रों के अनुसार प्रथ्वी पर सिर्फ एक ही देवता हनुमान जी है।
हनुमान जी के 12 नाम वाले स्तुति में हनुमान जी की महिमा है जिसे अगर हम दिन में एक बार भी जाप करते है तो हमारे सारे दुख संकट दूर हो जाते है।
यदि आपके ऊपर शनि का प्रकोप है तो आप हनुमान जी का ये 12 नाम वाला मंत्र का जाप करे आपके ऊपर से शनि देव का प्रकोप कम हो जायेगा।
हनुमान जी के बारह नाम के अर्थ
ॐ हनुमान - बन्दर जाती के महान योद्धा
ॐ अंजनी सुत - माता अंजनी के पुत्र
ॐ वायु पुत्र - पवन देव के पुत्र
ॐ महाबल - एक हाथ से पहाड़ उठाने वाला, एक छलांग में समुद्र पार करने वाला महाबली
ॐ रामेष्ठ - राम के प्रिय
ॐ फाल्गुण सखा - अर्जुन के मित्र
ॐ पिंगाक्ष - भूरे नेत्र वाला
ॐ अमित विक्रम - वीरता की साक्षात मूर्ति
ॐ उदधिक्रमण - समुद्र को लांघने वाला
ॐ सीता शोक विनाशन - माता सीता के शोक को नाश करने वाला
ॐ लक्ष्मण प्राण दाता - लक्ष्मण को संजीवनी बूटी से जीवित करने वाला
ॐ दशग्रीव दर्पहा - रावण के घमंड को चूर करने वाला
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